Friday, November 22, 2024

Chhattisgarh News: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव तीन बार बने MLA, पहली बार संभालेंगे डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी

रायपुर। देश के राजनीतिक इतिहास में कई ऐसे राज्य हैं जहां दो-दो डिप्टी सीएम है. लेकिन इतिहास के पन्नों में पहली बार छत्तीसगढ़ में सीएम के अलावा डिप्टी सीएम नियुक्त किए गए है. 28 जून को टीएस सिंहदेव को प्रदेश का उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।

आइए जानते है टीएस सिंहदेव के बारे में…

सरगुजा राजघराने टीएस सिंहदेव की कई पीढ़ियां कांग्रेस के साथ जुड़ी रही हैं. प्रदेश के सबसे अमीर विधायक में से सिंहदेव एक हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने पहली बार 90 सीटों में से 68 सीटे जीती थीं. उस समय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंहदेव काग्रेंस मुख्यालय दिल्ली गए थे. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में तीनों शामिल थे. लेकिन भूपेश बघेल की आक्रमक छवि के साथ अन्य राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया। जबकि टीएस सिंहदेव को स्वास्थ्य मंत्री और ताम्रध्वज साहू को गृहमंत्री बनाया। तभी से सिंहदेव ने मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी हाईकमान से कई बार अपनी नाराजगी जता चुके हैं. इसके अलावा सीएम पद को लेकर भूपेश बघेल से भी उनकी कई बार नाराजगी और लड़ाई होती दिखी है. कुछ दिन पहले सिंहदेव ने कहा था कि मैं चुनाव से पहले अपने राजनीतिक भविष्य बारे में सोच- विचार करके कुछ अलग फैसला लूंगा।

सिंहदेव का राजनीति सफर….

टीएस सिहंदेव अंबकिापुर विधानासभा सीट से साल 2008 में पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2013 और 2018 में भी जीत हासिल कर अब तक तीन बार MLA बने हैं. बताया जाता है सिंहदेव छत्तीसगढ़ के सभी विधायकों में से सबसे अमीर विधायक है. सिहंदेव का जन्म सन् 1952 में प्रयागराज में हुआ था. इसके बाद उन्होंने भोपाल के हमीदिया कॉलेज में MA (इतिहास) की पढ़ाई पूरी करने के बाद छत्तीसगढ़ से राजनीति शुरू की. राजनीति सफर की शुरूआती में सबसे पहले अंबिकापुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष साल 1983 में चुने गए. इसके बाद राजनीति के दौर में उन्होंने तीसरी साल 2018 में अंबिकापुर विधानसभा सीट से विधायक बने. इसके बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भूपेश बघेल और सिंहदेव में राजनीति जंग छिड़ गई थी. लेकिन इसी बीच दोनों में ढाई-ढाई साल सीएम की कुर्सी संभालने की फॉर्मूला तय किया गया था. लेकिन जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बन गए तो ढाई साल वाला फॉर्मूला लागू नहीं होने दिए. इसी को लेकर टीएस सिंहदेव काफी दिनों से सीएम से नाराज चल रहे थे. आखिरकार चुनाव से महज तीन-चार महीने पहले सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया दिया गया।

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