रायपुर। कोरबा के मड़वारानी जंगल में बड़े स्तर पर हिरण, चीतल जैसे वन्य जीवों का ठहराव है. लेकिन वन विभाग के साथ अधिकारी भी इन सभी जीवों से लापरवाही कर रहे है. बता दें कि एक चीतल पानी पीने के लिए जगंल से पुरैना गांव की तरफ निकल गया. गांव में पहुंचते ही कुत्तों ने चीतल पर हमला कर दिया. जहां लगभग तीन घटों तक वह तड़पता रहा लेकिन वन विभाग के कोई कर्मचारी वहां नहीं पहुंचे. हालांकि कुछ देर के बाद चीतल ने दम तोड़ दिया।
जानलेवा हमला कर दिया
जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह करीब सात बजे एक चीतल पानी की तलाश में भटक रहा था. वह मड़वारानी जंगल से पानी खोजते हुए पुरैना गांव में पहुंच गया. जहां बारी-बारी से करीब सात कुत्तों ने उसपर जानलेवा हमला कर दिया. जिसके बाद चीतल गंभीर रूप से घायल हो गया. जहां वह करीब तीन घटों तक गंभीर हालत में पड़ा रहा, लेकिन विभाग के कोई भी कर्मचारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे. इसके बाद चीतल की हालत बेहद नाजुक होती गई और उसकी मौत हो गई।
कार्रवाई की मांग
विभाग की इस तरह की लापरावाही से मड़वारानी जंगल मे हर साल वन्य जीवों की मौत होती जा रही है. वहीं स्थानीय लोग वन विभाग के अधिकारी पर कार्रवाई की मांग कर रहे है. वहीं लोगों का कहना है कि विभाग के लापरवाही की कारण चीतल की मौत हुई है. यहीं लापरवाही की वजह से पिछलें कई सालों से वन्य जीवों की मौत होती जा रही है. किसी भी वन्य प्राणियों की मौत हो जाने के बाद भी विभाग के कर्मचारियों को भनक तक नहीं लगती है. वहीं आसपास के लोगों ने कई बार विभाग के खिलाफ आवाज भी उठाया था. लेकिन किसी भी तरह का कोई सुनवाई नही हुई. जहां आज ऐसा हालात बन गया है कि वन्य जीव सुरक्षित नही है, और दिन-प्रतिदिन शिकार होते जा रहे है. लोगों ने वन विभाग पर आरोप लगाया है कि चीतल की मौत विभाग की लापरवाही के कारण हुई है।