रायपुर। छत्तीसगढ़ में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार पिछले 24 घंटों से यानी मंगलवार से कबीरधाम जिले में विभाग के जिला परिवहन अधिकारी का एक्शन जारी है. बसों का फिटनेस, फर्स्ट ऐड बॉक्स, सीसीटीवी कैमरा (CCTV), पोल्युशन, परमिट, प्रेर्शर हॉर्न और इंश्योरेंस की जांच की जा रही है।
स्कूल बसों की जांच कर रहे हैं अधिकारी
कबीरधाम जिले के साथ पूरे प्रदेश में 26 जून से सभी प्राइवेट स्कूल खुल गए हैं. स्कूल के बच्चों को सुरक्षित लाने और ले जाने के लिए लगाए गए छोटे- बड़े वाहनों की जांच के लिए आरटीओ के अधिकारी एक्शन मोड में आ गए हैं. बताया जा रहा है कि यातायात पुलिस के साथ परिवहन विभाग के अधिकारी बुधवार को जिले में संचालित स्कूलों के बसों के परमिट, फिटनेश, इंश्योरेंस और पोल्युशन, वाहन की पार्किंग, इंडिकेटर, गाड़ी में फायर सेफ्टी समान की जांच कर रहे हैं. जिले में 149 स्कूल बसों की पेपर जांच की गई है. इनमें से 16 बसों की पेपर में खामियां पाई गई हैं. जबकि 22 अनफिट बसों के संचालकों पर 61 हजार रुपये से अधिक का चालान किया गया है. इसके अलावा जीपीएम जिले में भी 17 वाहन संचालकों को नोटिस भेजा गया है।
महिला शिक्षक का वाहन में मौजूद होना अनिवार्य
स्कूली बसों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने गाइड लाइन निर्धारित की है. इसमें कोर्ट ने 18 बिंदु तय किया है. कोर्ट द्वारा जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि स्कूल बस में छात्रा के होने पर महिला शिक्षक का वाहन में मौजूद होना अति अनिवार्य किया गया है. आरटीओ अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान कई स्कूली बसें ऐसी भी थी, जिनमें अत्यंत आवश्यक फर्स्ट एड बॉक्स तक बस में मौजूद नहीं था। इसके साथ ही कई स्कूल वाहन ऐसे मिले, जिसमें स्पीड गवर्नर को भी नहीं लगाया गया था. इसके अलावा कई बसें में अग्निशमन यंत्र तक मौजूद नहीं था।
ये सभी चीजें चेक की गई…
कोर्ट ने गाइडलाइन में कहा है कि आग लगने की स्थिति में अग्निशमन यंत्र इस्तेमाल किया जा सके. इसके अलावा जीपीएस (GPS), प्रेर्शर हॉर्न, सीसीटीवी कैमरा (CCTV), स्पीड गर्वनर, आपातकालीन खिड़की, टेलीफोन नंबर, फर्स्ट ऐड बॉक्स, स्कूल का नाम, चालक का मोबाइल नंबर, अग्नि शमन यंत्र के अतिरिक्त ये भी देखा गया कि स्कूल बस के आगे पीछे स्कूल बस लिखा है की नहीं। ये सभी चीजे चेकिंग के दौरान जांच की गई।