रायपुर। भिलाई के वैशाली नगर के BJP विधायक विद्यारतन भसीन ने गुरुवार देर रात रायपुर के एक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. इसके बाद आज उनकी पार्थिव शरीर को भिलाई लाया जहां रामनगर मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बेटी ने दी विधायक भसीन को मुखाग्नि
बता दें कि विधायक भसीन की तीन बेटी है, शक्ति खेरा और दिव्या मक्कड़ ने अपने पिता भसीन को मुखाग्नि दी. वि्दयारतन के अंतिम संस्कार में वैशाली विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे. इसके साथ ही भाजपा नेता प्रेमप्रकाश पांडेय, अरुण साव, अजय चंद्राकार, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, शिवरतन शर्मा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, महापौर नीरज पाल और भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के साथ अन्य नेता उपस्थित थे।
वैशाली विधानसभा से BJP के दो बार बने विधायक
बीजेपी विधायक विद्यारतन भसीन का जन्म 27 दिसंबर 1947 को हुआ था. विधायक भसीन का पिता का नाम चुन्नीलाल भसीन था, उनके पिता भसीन संघ से जुड़े थे. बताया जा रहा है कि विधायक ने अपने शुरुआती दिनों में ट्रांसपोर्टर और कॉन्ट्रेक्टर भी रहे, उसके बाद विद्यारतन भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री बने. इसके बाद वे साल 2005 से 2009 तक भिलाई नगर निगम के महापौर रहे. इसके बाद वे वैशाली नगर विधानसभा से साल 2013 से 2018 तक BJP के विधायक थे. आपकों बता दें, वैशाली विधानसभा से बीजेपी के दो बार विधायक बने।
1984 में BJP के जिला महामंत्री बने भसीन
विद्यारतन भसीन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता थे. वे सबसे पहले साल 1984 में BJP के जिला महामंत्री बने. इसके बाद उन्होंने साल 1995 में बीजेपी के जिला कोषाध्यक्ष की कमान संभाली। साल 2006 में भिलाई नगर निगम के महापौर बने. साल 2013 में पहली बार वैशाली विधानसभा से विधायक चुने गए. विद्यारतन भसीन को एक बार फिर से साल 2015 में महापौर का प्रत्याशी बनाया गया, लेकिन उन्हें जीत हासिल नहीं हुई. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र यादव से भसीन को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि भसीन ने साल 2018 में प्रदेश भर में कांग्रेस की लहर के बाद भी दुर्ग संभाग में BJP का केवल एक सीट बचाए रखी।
BJP संगठन में शोक की लहर
विधायक विद्यारतन भसीन भाजपा के एक ऐसे विधायक थे जिन्होंने साल 2018 में कांंग्रेस लहर के बाद भी वैशालीनगर विधानसभा सीट को बचाए रखी और कांग्रेस प्रत्याशी बदरुद्दीन कुरैशी से 18000 से अधिक वोट से विजय प्राप्त की. इसके बाद विधानसभा चुनाव 2013 में भी भाजपा उम्मीदवार थे. लेकिन उन्हें 25 हजार वोटो से हार का सामना करना पड़ा। भसीन का निधन से भाजपा संगठन और वैशाली विधानसभा क्षेत्र में शोक की लहर है।