रायपुर। बीजापुर जिले के घोर माओवादी प्रभावित और दुर्गम क्षेत्र के युवाओं को बेहतर मौका मिला है. शनिवार को देश के दो बड़े शहरों में चयनित युवाओं की टीम को रवाना किया गया है. इस टीम को प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और विकास को बताने के लिए इंदौर और अमृतसर भेजा गया है. बता दें, CRPF-168 वीं वाहिनी मुख्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें कमांडेट विकास पांडे ने युवाओं को कैरियर और क्षमता विकास से जुड़ी शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ और बस्तर की छवि अब विस्फोटक पदार्थ की गंध नही रही है।
भारत की संस्कृति को समझ सकेंगे
भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को भारत के अन्य जगहों के बारे में एवं उनके जीवन शैली के बारे में ज्ञान मिलेगा. जिससे प्रेरणा लेकर माओवादी प्रभावित और दुर्गम ग्रामीण इलाकों के युवा भारत की संस्कृति को समझ सकेंगे. इसके साथ ही राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ेंगे. जिससे सभी को भी फायदा मिलेगा. वहीं कमाण्डेन्ट विकास पाण्डेय द्वारा हरी झंडी दिखाकर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. इस दौरान सीआरपीएफ 168वीं वाहिनी के अधिकारीगण मौजूद रहे।
20-20 युवाओं को भेजा गया
खेल मंत्रालय भारत सरकार और नेहरू युवा केन्द्र के युवा कार्यक्रम के तहत 14वीं आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का आयोजित किया गया. इसके तहत जिला बीजापुर के नक्सलों से घिरी ग्रामीण क्षेत्रों से CRPF के द्वारा चयनित 138 प्रतिभागियों को भारत के अलग-अलग जगहों में जैसे मैसुर, अलीपुर, लखनऊ, जम्मु, गोवाहाटी, इंदौर व अमृतसर का भ्रमण करवाने के श्रृंखला में प्रथम चरण मैसुर, कर्नाटक, द्वितीय चरण अलीपुर, न्यु-दिल्ली, तृतीय चरण लखनऊ उत्तर प्रदेश, चतुर्थ एवं पांचवे चरण जम्मू एवं गोवाहाटी के उपरान्त छठा एवं सातवीं (अंतिम चरण) में चयनित प्रतिभागियों में से 20-20 युवाओं को इंदौर और स्वर्ण अमृतसर के भ्रमण के लिए भेजा गया है।