Friday, November 22, 2024

छत्तीसगढ़ः जय श्रीराम के नारों से गूंजा शहर रायपुर, बरसे फूल

रायपुर। आज राजधानी में एक बड़ी धर्मसभा हो रही है. जिसमें देश के चारों तरफ से संत पहुंचे हुए है. यहां देश को हिंदु राष्ट्र और छत्तीसगढ़ को धर्म परिवर्तन से मुक्त बनाने का संकल्प जूना अखाड़े के प्रमुख अवधेशानंद गिरी महाराज की अध्यक्षता में लिया जाएगा. विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में इस सभा का आयोजन किया जा रहा है. इस धर्म सभा में पिछलें एक महीने से चल रही हिंदू जागरण यात्रा का समापन है. आज राजधानी के चारों तरफ से शोभायात्रा निकाली गई है. वहीं बिलासपुर रोड़ स्थित मां बंजारी धाम, टाटीबंध स्थित राम मंदिर चौक से रावणभाठा,देवपुरी स्थित शदाणी दरबार, वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर धर्मसभा के लिए शोभायात्रा निकाली गई. सभी समाज के लोग इस यात्रा में शामिल हुए है. वहीं लोगों ने इस यात्रा का स्वागत जगह- जगह पर फूल बरसाकर किया है. इस दौरान जयश्रीराम. . . . जयश्रीराम के नारें से पूरा शहर गूंजयमान रहा।

लोगों के बीच बैठकर किया भोजन

जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में इस हिंदू जागरण यात्रा की शुरूआत 18 फरवरी को की गई थी. पिछले एक महीने से चली इस यात्रा में एक हजार से अधिक गांवोंं में संतों का स्वागत किया गया.वहीं पांच सौ अधिक वंचित उपेक्षित परिवारों में संतों ने उनके घर जाकर लोगों से मुलाकात भी की. वहीं पिछड़े समाज के लोगों के बीच बैठकर संंतों ने भोजन ग्रहण किया। इसके बाद धर्म से जुड़ी बात पर चर्चा भी की।

लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया

मिली सूचना के अनुसार, हनुमान लॉकेट, रामचरितमानस, भगवतगीता और दो लाख से अधिक हनुमान चालीसा, प्रसाद के रूप में मुक्त वितरित किए गए है. इस पूरी यात्रा के दौरान लगभग दो लाख अधिक लोगों के साथ मिलकर अलग-अलग स्थानों पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।

इस सभा में शामिल है ये संत

विश्व हिंदू परिषद की ओर से आयोजित इस धर्मसभा में जूना अखाड़ा हरिद्वार के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी हैं. इनके अलावा जितेंद्रनंद सरस्वती जो महामंत्री हैं काशी अखिल भारतीय संत समिति के, स्वामी परमानंद, स्वामी प्रेम स्वरूपानंद, महामंडलेश्वर स्वामी सर्वेश्वर दास, राधेश्याम दास, आचार्य राकेश, रामानंद सरस्वती, सीतारामदास, श्याम दास रामस्वरूप, लक्ष्य राम, शदाणी दरबार के संत युधिष्ठिर लाल, साध्वी प्राची, बालयोगेश्वर उमेश नाथ, पुष्पेंद्र पुरी, राजीव लोचन दास जी, साध्वी संतोषी भारती जैसे संत इस धर्म सभा में शामिल हैं।

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