रायपुर। विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा कल यानी 19 मार्च को रायपुर में होगी. इसमें शामिल होने के लिए लगभग तीन सौ संत राज्यधानी आने वाले हैं. हालांकि अधिकतर संत एक दिन पहले ही पहुंच चुके हैं. विश्व हिंदू परिषद के नेताओं और संतों ने धर्म सभा से एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें धर्म परिवर्तन को लेकर संतों ने तीखे सवाल भी किए. विश्व हिंदू परिषद के इस यात्रा के संयोजक चंद्रशेखर वर्मा ने बस्तर में धर्म परिवर्तन बढ़ने का दावा करते हुए कहा, बस्तर में तेजी से बढ़ रहे नक्सलवाद की परेशानी के पीछे चर्च है।
देश के कई जगहों के सतं होंगे शामिल
रविवार को होने वाली धर्म सभा में करीब तीन सौ संत पहुंचेंगे। इसमें दंतेवाड़ा से स्वामी प्रेम स्वरूपानंद, महामंडलेश्वर स्वामी सर्वेश्वर दास कोटमी सुनार, राधेश्याम दास सेत गंगा बिलासपुर, आचार्य राजेश दास तुरंगा रायगढ़, रामानंद सरस्वती बाटीडांड बलरामपुर, सीताराम दास बिलासपुर, श्यामदास जांजगीर, रामरूप दास त्यागी मद्कूदीप, जूना अखाड़े हरिद्वार के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज, काशी से जितेंद्रानंद सरस्वती, युधिष्ठिरलाल शदाणी दरबार रायपुर, देहरादून से साध्वी डॉ. प्राची आर्य, उज्जैन से बालयोगी योगेश्वर उमेशनाथ, पुष्पेंद्र पुरी, राजीवलोचन दास चित्रकूट धाम, यूपी के गोरखपुर जिले के गौरेला से स्वामी परमात्मानंद समेत कई संत शामिल होंगे. इसके अलावा देश के अलग-अलग जगहों से संत भी रायपुर पहुंच चुके हैं. 19 मार्च को धर्म सभा में भारतीय संस्कृति, हिंदू राष्ट्र, धर्म परिवर्तन आदि विषयों पर विचार रखेंगे।
संतों के पदयात्रा का समापन कल
इस दौरान संतों ने कहा कि देश में वहीं राज करेगा, जो हिंदू राष्ट्र की बात करेगा सरगुजा और बस्तर में आदिवासी लड़कियों से अन्य धर्म के लोग शादी रचा रहे हैं. उनकी धन-संपत्ती पर कब्जा कर रहे हैं. इस तरह के घटना में पुलिस-प्रशासन उदासीन है. वहीं चंद्रशेखर वर्मा ने कहा, 18 फरवरी को प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर संतों ने पदयात्रा की शुरूआत की गई थी, जोकि अब राजधानी रायपुर में पहुंच चुकी है. धर्मसभा के रूप में इसका कल यानी रविवार को समापन होगा।