रायपुर: आज झीरम घाटी हमले की दसवीं बरसी है। छत्तीसगढ़ 25 मई 2013 का दिन कभी नहीं भूला जा सकता। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के झीरम घाटी में नक्सलियों ने बड़ी ही क्रूरता से 32 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। तब से लेकर अब तक इस मामले में NIA जांच कर रही है।
दिग्गज नेताओं की हुई थी हत्या
25 मई 2013 को तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल,महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 32 से अधिक लोगों की क्रूरता से हत्या कर दी थी।
सुरक्षा पर लगा था प्रश्न चिन्ह ?
इस घटना के होने के बाद सुकमा में सुरक्षा पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया था, जिसके बाद इसकी जाँच के आदेश NIA को दिए गए थे। एक सवाल तो यह भी उठता है कि हमले के 10 साल बाद भी NIA के हाथ सिर्फ 21 नक्सलियों के नाम लगे है, जो इस हमले में शामिल थे। बीते वर्ष में NIA ने इन 21 नक्सलियों पर इनाम भी घोषित किया था।
सीएम ने मांगे दस्तावेज
NIA से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अब तक हुई जांच के दस्तावेज मांगे है। आपको बता दें कि राज्य सरकार प्रतिवर्ष झीरम घाटी हत्याकांड में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के आदेश दे चुकी है। इस घटना को लेकर विधानसभा चुनाव 2023 से ठीक पहले राजनीति शुरू हो गई है।