Friday, November 8, 2024

छत्तीसगढ़: नेत्रहीन बेटी को डॉक्टरेट डिग्री से नवाजा, मजदूर पिता ने लिखी थी थीसिस

रायपुर : नेत्रहीन देवश्री भोयर को डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया। प्रदेश के पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का कल 26वां दीक्षांत समारोह था और यह दीक्षांत समारोह प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय रहा, क्योंकि नेत्रहीन बेटी को डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया।

मजदूर पिता ने लिखी थी थीसिस

उनके मजदूर पिता ने उनके लिए थीसिस लिखी थी क्योंकि देवश्री भोयर बचपन से ही नेत्रहीन है। उनके मजदूर पिता को गाइड ने थीसिस लिखने की अनुमति दे दी थी। उनके पिता 10वीं पास थे इसलिए उन्हें थीसिस लिखने में ज्यादा कोई दिक्कत नहीं हुई।

दिन में मजदूरी रात में लिखाई

उनके पिता दिन में मजदूरी का काम करते थे और रात में लिखाई करते थे। बेटी बोलती जाती और पिता लिखते जाते।

बचपन से था पढ़ाई का शौक

रायपुर की देवश्री भोयर को बचपन से ही पढ़ने-लिखने का शौक था। देवश्री ने पॅालिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद रिसर्च के लिए रूची जताई थी। दुर्गा महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ सुभाष चंद्राकर के गाइडेंस पर देवश्री ने भारतीय राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान पर रिसर्च किया।

सीएम थे मौजूद

रविवि के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन के अलावा इसरो के वैज्ञानिक प्रो.वाई एस राजन मौजूद रहे। प्रो.राजन ने ही देवश्री को उपाधि दी। प्रदेश गौ-सेवा आयोग अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास को भी डी-लिट की उपाधि दी गई।

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