रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कांकेर मेडिकल कॉलेज में भर्ती पर लगी रोक को हटाकर अब भर्ती प्रक्रिया के लिए हरी झंडी दे दिया है. इसके बाद तीसरे और चौथे श्रेणी के अलग-अलग वर्गों में 300 पदों पर भर्ती का द्वार खुल गया है. लेकिन न्यायालय ने स्टाफ नर्स के दो पद खाली रखने के लिए भी आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरा करे. बता दें कि भर्ती नियमों में आरक्षण को लेकर लगी याचिका की वजह से अदालत ने पहले भी रोक लगाई थी. उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सुखमती नाग और अन्य ने कहा था कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कांकेर में तृतीय श्रेणी (Third Grade) और चतुर्थ श्रेणी (Fourth Grade) के विभिन्न पदों स्टाफ नर्स, टेक्नीशियन, टेक्नीशियन लैब और अन्य पदों पर नियुक्ति की जा रही है. जिसमें आरक्षण के नियम का उलंघन्न किया जा रहा है. इसी को लेकर न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज और राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
2011 के बाद बढ़ोतरी किया गया
उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने बैकुंठपुर, सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर आदि में दिए जाने वाले आरक्षण रोस्टर को 2011 के बाद बढ़ोतरी किया गया था, इसके बाद उसे निरस्त कर दिया गया. हालांकि बस्तर जिले के आरक्षण को पहले के जैसा ही जारी रखा गया. इसलिए कनिष्ठ चयन आयोग द्वारा संशोधित आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए बस्तर संभाग के लिए नियुक्ति दी जा रही थी. उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
स्टाफ नर्स के दो पदों को खाली रखा जाए
राज्य सरकार की तरफ से उच्च न्यायालय द्वारा पारित स्थगन आदेश के खिलाफ आवेदन प्रस्तुत किया गया. प्रस्तुत आवेदन में बताया गया कि बस्तर संभाग के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान किया गया है. उच्च न्यायालाय के डिवीजन बेंच ने उस प्रावधान को निरस्त नहीं किया था. साथ ही यह बताया गया कि हाईकोर्ट ने 01 मई को सभी नियुक्ति पर आगे की कार्यवाही जारी रखने का आदेश पारित किया था. नेशनल मेडिकल काउंसिल की तरफ से बहुत ही जल्द ही शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कांकेर का निरीक्षण किया जाना है. ताकि अगले साल चिकित्सा निरंतर बरकरार रहे. दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकल पीठ न्यायाधिश सचिन सिंह राजपूत द्वारा आदेश जारी किया गया कि स्टाफ नर्स के दो पदों को खाली रखा जाए. इसके साथ ही अन्य पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र जारी करने के आदेश भी दिया गया. शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की तरफ से जानकारी मिली है कि जिला एवं संभाग स्तरीय पदों की भर्ती कनिष्ठ चयन आयोग के ओर की जा रही है. प्रदेश में दो प्रकार के आरक्षण लागू होते हैं, जिसमें राज्य स्तर से राज्य के लिए जारी पदों पर 2011 के आरक्षण संशोधन के बाद 50% से 58% किया गया था. उसी प्रकार से जिला और संभाग स्तर के पदों के लिए बस्तर सरगुजा एवं अन्य क्षेत्रों में आरक्षण का प्रतिशत 58 से 82% किया गया था।