रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सलियों से घिरा क्षेत्र बीजापुर से बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि भट्टिगुड़ा, ताड़मेटला, तोंगगुड़ा और उर्पलमेटा के तरह बड़े हमलों में शामिल नक्सली कमांडर बसंत की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि बसंत को लोग सोमलू और रवि के नाम से जानते थे. नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल के प्रवक्ता ने रवि की मौत होने की खबर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगों को सूचना दी. जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि रवि काफी लंबे वक्त से गंभीर बीमारियों से परेशान चल रहा था. नक्सलियों के मेडिकल कैंप में चार दिन पहले यानी 03 मई को नक्सली कमांडर बंसत की मौत हो गई।
BNPC और CYPC का सदस्य
रिपोर्ट के मुताबिक बसंत माओवादियों की बटालियन में BNPC और CYPC सदस्य था. बता दें कि बसंत को 26 साल संगठन में रहने के क्रम में सैकड़ों गौलाबारूद, हथियार और बम बनाकर नक्सली हमलों को कई बार अंजाम दिया है. इतना ही नहीं वह नक्सलियों के हथियार फैक्टरी का हेड भी था. बसन्त की मृत्यु से नक्सलियों के लिए बड़ा झटका लगने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सर्च अभियान के दौरान
बता दें कि नक्सल इतिहास का सबसे बड़ा हमला सुकमा जिले के ताड़मेटला में 06 अप्रैल 2010 को हुआ था. जिसमें सीआरपीएफ (CRPF) के 75 जवान और जिला बल के एक जवान शहीद हो गए थे. बीजापुर जिले में चलाए जा रहे नक्सलियों के खिलाफ अभियान के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. हालांकि शनिवार 06 मई को जांगला थाना से डीआरजी (DRG), जांगला थाना और केरिपु 222 की संयुक्त टीम बड़े तुंगाली की तरफ सर्च आपरेशन के लिए रवाना हुई थी. वहीं सर्च अभियान के दौरान दो जन मिलिशिया मेबर को बड़े तुंगाली से पकड़ लिया है।