Friday, November 22, 2024

छत्तीसगढ़ : 7 साल से कम सजा फिर भी गिरफ्तारी की, पुलिस कस्टडी में मौत पर सवाल

रायपुर : बिलासपुर में पुलिस कस्टडी में एक आरोपी की मौत होने से अब थाना प्रभारी सहित पूरे स्टाफ की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है। इसके बावजूद पुलिस के आला अधिकारी इस गंभीर केस में जिम्मेदार पुलिस वालों का बचाव कर रहे हैं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का साफ आदेश है कि धोखाधड़ी जैसे 7 साल से कम सजा के केस में पुलिस सीधे गिरफ्तारी नहीं कर सकती।

आरोपी बीमार था

जानकारी है कि आरोपी ब्लड प्रेशर (BP) का मरीज था और रोजाना दवाईयां खाता था। उसके पास से दवाएं भी मिली है। इसके बावजूद पुलिस ने उसका मेडिकल नहीं कराया और उसे सीधा थाने में बंद कर दिया। ऐसे कई सवाल उठ रहे हैं, जिससे थानेदार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, SP संतोष कुमार का कहना है कि पूरे मामले की न्यायिक जांच होगी, उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।

क्या था पूरा मामला

धोखाधड़ी के आरोपी श्याम मोहदीकर की बुधवार को पुलिस कस्टडी में हालत बिगड़ गई थी। जिसके बाद पुलिस उसे जिला अस्पताल ले गई थी, जहां डॅाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मौत की वजह पता करने के लिए उसका पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें डॉक्टरों ने मौत की वजह ब्रेन हेमरेज बतायी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी के शरीर पर मारपीट के कोई निशान नहीं मिले हैं। उसके पास से विगोरा 100 कामोत्तेज दवा के खाली रैपर मिले हैं। पुलिस का कहना है कि संभावना है कि इस कामोत्तेज दवा को खाने से उसकी तबीयत बिगड़ी होगी और उसकी मौत हो गयी। कस्टडी में मौत के इस गंभीर केस में TI मनोज नायक का यह बयान सामने आया है, जो उन पर कई सवाल खड़े करता है।

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