रायपुर। देवी-देवताओं के प्रिय फूलों में से एक गुड़हल का फूल। इस में कई औषधीय गुण होते हैं। अपने औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण इसे कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गुड़हल का फूल शरीर के कई रोगों को दूर करने में भी सक्षम है। आइए जानते […]
रायपुर। देवी-देवताओं के प्रिय फूलों में से एक गुड़हल का फूल। इस में कई औषधीय गुण होते हैं। अपने औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण इसे कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गुड़हल का फूल शरीर के कई रोगों को दूर करने में भी सक्षम है। आइए जानते हैं, कि इस पौधे को घर में लगाने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं?
आयुर्वेद में गुड़हल के पौधे को जपा नाम से भी जाना जाता है, पाठ पूजा के अलावा इन फूलों को कई रोगों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है। बता दें, आयुर्वेद के अनुसार गुड़हल के फूलों की लुगदी बनाकर बालों में लगाने से डैंड्रफ की समस्या से जड़ से छुटकारा मिलता है और बालों में चमक बढ़तीहै। इसके साथ ही गुड़हल के फूलों को आंवला के चूर्ण में मिलाकर बालों में लगाने से बाल लंबे समय तक काले और घने रहते हैं। इससे व्यक्ति फूलों की तरह खिला हुआ और आरामदायक महसूस करता है।
गुड़हल के पौधे से नींद न आने की समस्या भी दूर होती है। आयुर्वेद के अनुसार, गुड़हल के फूलों का शर्बत बनाकर पीने से नींद न आने कीसमस्या दूर होती है। वहीं जिन लोगों को मीठा पसंद है, वह मिश्री के साथ फूलों का शर्बत बनाकर पी सकतेहैं। हालांकि शर्बत बनाते समय केवल ताजे और खिले फूलों का ही उपयोग करें। इसके अच्छी नींद आने के साथ व्यक्ति तनावरहित महसूस करेगा।
इसके साथ ही यह महिलाओं में होने वाली ल्यूकोरिया की समस्या को भी दूर करता है। बता दें, गुड़हल की कली को पीसकर सुबह-शाम नियमित रूप से उसे पीने से ल्यूकोरिया की समस्या से आराम मिलता है। इसके साथ-साथ पीरियड्स के कारण जिन महिलाओं में खून की कमी हो जाती है, इसे पीने से उनके शरीर में खून की कमी दूर होती है और कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
पेट साफ न होने के कारण व्यक्ति के मुंह में अक्सर छाले हो जाते हैं, जिससे कुछ भी खा पाना मुश्किल हो जाता है। इस दौरान गुड़हल की जड़ का सेवन करने से मुंह के छाले में आराम मिलता है। जड़ को अच्छे से साफ करने के बाद उसके छोटे-छोटे टुकड़ों को पान की तरह चबाने से मुंह के छाले के ठीक होने के साथ-साथ कब्ज की समस्या भी दूर होती है। वहीं बुखार, खांसी और जुकाम में गुड़हल के पत्तों का काढ़ा बनाने से व्यक्ति की इम्युनिटी में सुधार आता है और स्वास्थ्य में सुधार आता है।