रायपुर: रमजान का पवित्र महीना जल्द ही शुरू होने वाला है. यह महीना मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. बता दें कि रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है। इस पूरे महीने में रोजेदार 29 से 30 तारीख तक रोजा रखते हैं और फिर ईद-उल-फितर मनाया जाता है. फरवरी अंत […]
रायपुर: रमजान का पवित्र महीना जल्द ही शुरू होने वाला है. यह महीना मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. बता दें कि रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है। इस पूरे महीने में रोजेदार 29 से 30 तारीख तक रोजा रखते हैं और फिर ईद-उल-फितर मनाया जाता है.
इस बार रमजान 28 फरवरी या 1 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है. हालांकि, रमज़ान का महीना किस तारीख से शुरू होगा यह पूरी तरह से चाँद के दिखने पर निर्भर करता है। शाबान ख़त्म होने और रमज़ान का नया चांद दिखने के बाद ही आधिकारिक तौर पर रमज़ान की शुरुआत मानी जाती है। ऐसे में अगर 28 फरवरी को रमजान का चांद नजर आया तो रोजेदार 1 मार्च को पहला रोजा रखेंगे. अगर 1 मार्च को रमजान का चांद नजर आता है तो जाहिर तौर पर रोजेदार 2 मार्च को पहला रोजा रखेंगे. आखिरी फैसला चांद दिखने के बाद ही लिया जाएगा.
मुसलमानों के लिए रमज़ान के दौरान रोज़ा रखना अनिवार्य माना जाता है। क्योंकि रोज़ा इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है। इस पूरे महीने में कुरान पढ़ने, अल्लाह की इबादत करने और दान करने की भी परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि मुसलमानों की पवित्र किताब यानी कुरान रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान पैगंबर के सामने प्रकट हुई थी। इस्लाम में रमज़ान के पूरे महीने रोज़े रखे जाते हैं। लेकिन पहले दिन का रोजा विशेष होता है. क्योंकि रमजान महीने का पहला रोजा संयम और धैर्य सिखाता है.
बता दें कि भारत से पहले सऊदी अरब में रमज़ान का चांद देखा जाता है और इसके बाद भारत में रमज़ान की शुरुआत मानी जाती है। अगर किसी वजह से भारत में रमज़ान का चांद नहीं दिखता है तो भारत के लोग सऊदी अरब के चांद के मुताबिक रमज़ान शुरू कर सकते हैं और अगले दिन रोज़ा रख सकते हैं.