रायपुर। छत्तीसगढ़ आज अपना 24वां स्थापना दिवस मना रहा है। यह प्रदेश 1 नवंबर 2000 को भारत के 26वें राज्य के रूप में स्थापित हुआ था। जब इसे मध्य प्रदेश से अलग कर बनाया गया था। छत्तीसगढ़ के गठन के लिए राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों का महत्वपूरण योगदान रहा।
जनजातीय समाज का योगदान
जिसकी शुरुआत 1924 में राजधानी रायपुर की मांग से हुई थी। हालांकि, इसे अस्तित्व में लाने के लिए लंबे समय का इंतजार करना पड़ा। छत्तीसगढ़ को एक अलग राज्य बनाने की मांग, इसलिए उठी क्योंकि यहां कीभाषा, रीति-रिवाज, संस्कृति और आर्थिक संसाधन मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों से काफी अलग थे। “छत्तीसगढ़ी” भाषा बोलने वालों की संख्या ज्यादा थी। राज्य की स्थापना में जनजातीय एवं ग्रामीण समाज का महत्वपूर्ण योगदान था।
छत्तीसगढ़ का समृद्ध इतिहास
1990 के दशक में छत्तीसगढ़ राज्य की मांग को लेकर राजनीतिक दबाव बढ़ा। जिससे कई आंदोलनों हुए। जिसके परिणामस्वरूप साल 2000 में केंद्र सरकार ने इस पर अपनी सहमति दी। जिसके तहत मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 पारित हुआ और 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आया। छत्तीसगढ़ का इतिहास समृद्ध और प्राचीन है, जिसमें कला, संस्कृति और परंपराओं की गहरी जड़ें हैं।
संस्कृत से नाम लिया
प्राचीन काल में इसे दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था। माना जाता है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान यहां आए थे, जिससे यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो गया। इस क्षेत्र का नाम संस्कृत के “छत्तीसगढ” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “छत्तीस किलों का देश”, और माना जाता है कि यहां 36 किलों की मौजदूगी थी।