Friday, November 22, 2024

Kamika Ekadashi 2024: आज है कमिका एकादशी, जानिए इसका महत्व और पूजन विधि

रायपुर। पंचांग के मुताबिक आज यानी 31 जुलाई को कामिका एकादशी व्रत (Kamika Ekadashi 2024 Date) है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व होता है। एकादशी की तिथि जगत के नाथ भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्रीहरि और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही श्रीहरि के मंदिरों में भजन-कीर्तन किया जाता है। कामिका एकादशी व्रत का उल्लेख विष्णु पुराण में किया गया है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक सच्चे मन से इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। साथ ही जीवन सदैव खुशियों से भरा रहता है। एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े उपाय करने से सभी तरह की परेशानी दूर होती है।

कमिका एकादशी की पूजा विधि

कामिका एकादशी के मौके पर सुबह सारे काम निपटा कर स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसके बाद तुलसी के पौधे पर लाल चुनरी अर्पित पूजा करनी चाहिए। भगवान विष्णु और देवी पार्वती की पूजा-अर्चना करें। अंत में जीवन में सुख-शांति की कामना करें। कमिक एकादशी के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे आर्थिक समस्याएं जल्द दूर होती हैं। इस दिन का व्रत करने से दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है। अगर आप धन की प्राप्ति तो कामिका एकादशी पर किया गया उपाय बेहद फलदायी साबित होता है। इस दिन तुलसी की मंजरी को लाल कपड़े में बांधकर अलमारी में रख दें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से साधक को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु के पास देशी घी का दीपक जलाना चाहिए, और सच्चे मन प्रार्थना कर 11 परिक्रमा लगानी चाहिए।
इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और श्री हरि खुश होते हैं।

कमिका एकादशी का महत्व

पुराण के मुताबिक जो मनुष्य शिव के प्रिय श्रावण मास में भगवान श्रीधर का पूजा करते है। उसके द्वारा गंधर्वों और नागों सहित सभी देवताओं की पूजा हो जाती है। यह एकादशी स्वर्गलोक तथा महान पुण्यफल प्रदान करने वाली है। इस दिन भगवान विष्णु
और देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं नहीं होती। मनुष्य श्रद्धा के साथ इसकी महिमा का श्रवण करता है। वह सब पापों से मुक्त हो जाता है। उसे स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से, इस दिन तुलसी के पत्ते का प्रयोग करने
से व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है।

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