रायपुर। मान्यता के अनुसार रथयात्रा के दिन बारिश का होना शुभ संकेत होता है। सिस्टम बने होने के बाद भी इस बार प्रदेश के कई इलाकों में बारिश नहीं हुई। बस्तर जैसे इलाके में बूंदाबांदी की स्थिति बनी रही और शहर में छाए काले बादल भी केवल छींटे पड़ने के लायक रह गए। सिस्टम के प्रभाव से कई इलाकों में पर बादल बरसते रहे हैं, मगर 1 जुलाई के बाद से राज्य में मॉनसूनी बारिश का प्रभाव व्यापक स्तर पर नजर नहीं आया है। दूर चली गई मॉनसून द्रोणिका वापस लौट आई है और प्रदेश को भिगोने के लिए सिस्टम भी तैयार किया गया है,लेकिन बारिश दस्तक ही नहीं दे रही है।
बारिश अलर्ट जारी होने के बाद भी नहीं हुई बारिश
रविवार को भी रायपुर समेत प्रदेश के अधिकांश इलाकों में काले बादल छाए रहे। मौसम विभाग द्वारा कई इलाकों में भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया गया था, मगर शाम ढलने के बाद किसी भी इलाके से अच्छी खबर नहीं आई। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दिनभर में जगदलपुर में एक सेमी.भी बारिश नहीं हुई है। शहर का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा। यहां छाए काले बादलों के बरसने का इंतजार होता रहा, लेकिन बारिश ने कोई दस्तक नहीं दी। आसमान में काले बादल छाए रहें। रविवार को शहर का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अगले 24 घंटे में हो सकती है बारिश
आसमान में छाए बादलों को देखते हुए इस बात की संभावना जताई जा रही है कि अगले चौबीस घंटे में यहां हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होने की संभावना जताई गई है। मौसम विशेषज्ञ संजय बैरागी के अनुसार,अभी मॉनसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर बीकानेर, सीकर, ग्वालियर होते हुए दक्षिण पूर्व की ओर पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक स्थित है।