रायपुर: देश में कहीं न कहीं कुछ मामले घोटाले के सामने आते ही रहते हैं। ऐसा ही एक मामला छ्त्तीसगढ़ के रायपुर से भी सामने आया है जहां जिला सहकारी बैंक में 52 लाख के घोटाले से पर्दा उठा है। इस बैंक के अकाउंटेंट और क्लर्क को गिरफ्तार किया गया है और जांच की जा रही है।
ऐसे की खातों में हेराफेरी
जानकारी के मुताबिक मामले की जांच में मौदहापारा पुलिस का कहना है कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित मौदहपारा में 18 मई 2013 से पदस्थ सीओडी शाखा प्रबंधक शरद चंद्र गांगने ने शिकायत दर्ज कराई थी कि विजिलेंस सेल ने 23 अगस्त 2023 को निरीक्षण के दौरान शाखा में पदस्थ कनिष्ठ लिपिक चंद्रशेखर डग्गर के बचत अमानत खाता एवं शाखा के सेवानिवृत्त सहायक लेखापाल अरूण कुमार बैसवाडे के बचत अमानत खाता का परीक्षण करने पर मासिक वेतन की राशि जमा होने के बावजूद अत्यधिक आर्थिक लेनदेन करना पाया था। इसके बाद जांच में लेखापाल बैसवाडे, कनिष्ठ लिपिक डग्गर और पूर्व सहायक लेखापाल संजय कुमार शर्मा ने मिलीभगत कर अनाधिकृत रूप से वर्ष 2017 से 2022 के दौरान विभिन्न तिथियों में शाखा के एफडी, समेत अन्य खातों में ब्याज की हेराफेरी दिखी। जो करीब 52 लाख की थी। इसमें कई ग्राहकों के भी अकाउंट थे, जिन्हें तीनों आरोपितों ने खुद के लिए इस्तेमाल किया था। तीनों के बैंक खाते खंगालने पर सैलरी जमा होने के बावजूद लाखों रुपए का लेनदेन दिखा। पुलिस ने मामले में आर्थिक अनियमितता बरतते हुए बैंक को हानि पहुंचाने पर अमानत में ख्यानत, धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस की गिरफ्त में दोनों सभी आरोपी
इस घटना के बाद पुलिस एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अन्य पुलिस अधीक्षक को आरोपियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। इसके अलावा सीएसपी कोतवाली योगेश साहू केनेतृत्व में थाना प्रभारी मौदहापारा ने बैंक मैनेजर सहित अन्य बैंक कर्मियों से टीम के साथ विस्तृत पूछताछ कर आरोपियों की पतासाजी शुरू कर दी। आरोपियों को उनके मोबाइल लोकेशन ट्रेस होते ही घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।