रायपुर। गर्मी की छुट्टियों के बाद पहले दिन स्कूल में छात्रों के हाथों में स्कूल की किताबें नहीं बल्कि उनके हाथ में झाड़ू और पौंछा था। गर्मी की छुट्टी के कारण दो महीने से बंद पड़ी कक्षाओं की सफाई की जिम्मेदारी इन नन्हें हाथों पर थी। जिन्होंने पहले कक्षा में टेबल कुर्सी पर जमी धूल को साफ किया। इसके बाद उन्हें कक्षा में प्रवेश मिला। इस बीच शिक्षक मस्त होकर कूलर की हवा में बैठकर कक्षाएं साफ होने का इंतजार करते दिखाई दिए। शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए इच्छुक होने की बजाय बच्चों द्वारा सफाई के संपन्न होने का इंतजार कर रहे थे। यह तो एक स्कूल की तस्वीर है कुछ स्थानों पर तो झुंड में शिक्षक तो मिले पर कक्षाएं तक खुलीं नहीं थीं और ना ही स्कूल खुलने के पहले दिन कोई विद्यार्थी स्कूल पहुंचे और ना ही पूरे शिक्षक।
साफ-सफाई का काम छात्रों द्वारा किया गया
सत्र शुरू होने के 15 दिन पहले से स्कूलों को प्रारंभ कर दिया जाता है। 16 जून से सत्र 2024-25 शुरू होना था इसलिए 1 जून से प्रदेश भर के सभी सरकारी स्कूलों का संचालन शुरू हो गया। 15 दिन पहले इसलिए स्कूल का संचालन शुरू किया जाता है जिससे इन 15 दिन में स्कूलों की साफ सफाई और सत्र शुरू होने से पहले संपूर्ण तैयारी की जा सकें। लेकिन हालात यह है कि इन पन्द्रह दिन में ना तो स्कूल की कक्षाओं में झाडू लग सकी और ना ही टेबल कुर्सी से धूल हट सकी। अब नए सत्र की शुरूआत से पहले ही स्कूलें के छात्रों से ही कक्षाओं में साफ-सफाई कराई जाएगी। साफ-सफाई पूरी होने के बाद ही छात्रों को कक्षाओं में प्रवेश करने दिया जाएगा।
बीएड की परीक्षा कारण क्लास नहीं लगी
स्कूल में बीएड की परीक्षा चल रही थी। स्कूल के शिक्षक एक स्थान पर जमघट लगाकर बैठे हुए थे। प्रिंसिपल पीसी गुप्ता उस वक्त तक स्कूल नहीं पहुंचे थे, इसलिए स्टाफ रूम भी बंद था और अन्य क्लासों पर भी ताले लगे हुए थे। शिक्षकों का कहना था कि स्कूल तो सुबह साढ़े 10 बजे के हो चुके हैं और सुबह विद्यार्थी भी आए होंगे ,लेकिन बीएड की परीक्षा थी इसलिए शिक्षक देरी से ही आए और यहां पर पढ़ाने के लिए क्लास भी खाली नहीं है। इसलिए जब परीक्षा समाप्त हो जाएगी तब एक बजे के बाद ही क्लास लगेगी, लेकिन तब-तक शायद ही कोई विद्यार्थी रुकेगा या फिर आएगा। स्कूल में बीएड के पेपर के कारण स्कूलों में छात्रों की कक्षाएं नहीं लग रही है। शिक्षकों का कहना है कि बीएड की परीक्षा के कारण छात्रों की क्लास देरी से ली जाएंगी। क्लास देरी से लेने के कारण कोई भी विद्यार्थी शायद ही स्कूल आए।