Saturday, November 2, 2024

Jaggi Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने 5 आरोपियों को दी राहत, मिली इतने दिनों के लिए मोहलत

रायपुर: छत्तीसगढ़ से जग्गी हत्याकांड मामले में एक बड़ी खबर सामने आई है. जग्गी हत्याकांड प्रदेश की सबसे चर्चित मर्डर केस के लिस्ट में शामिल है। आज सोमवार को इस केस के सभी आरोपित को कोर्ट में सरेंडर करना था। ऐसे में एक खबर सामने आ रही है कि प्रदेश के बहुचर्चित जग्गी मर्डर केस के 5 आरोपियों को उच्च न्यायालय ने राहत दी है.

इन पांच दोषियों को मिली उच्च न्यायालय से राहत

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जग्गी केस के सभी आरोपियों में से पांच आरोपियों को राहत दी है। आरोपित में आरसी त्रिवेदी, वीके पांडे, अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी और याह्या ढेबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर करने के लिए तीन हफ्ते का समय बढ़ा दिया है. इस मामले में अन्य दोषियों में चिमन सिंह, याह्या ढेबर (राहत), अभय गोयल, शिवेंद्र सिंह परिहार, फिरोज सिद्दीकी, विक्रम शर्मा (मृत्यु), अनिल पचौरी, हरीश चंद्रा, बुलटू पाठक (मृत्यु), सुरेश सिंह, सूर्यकांत तिवारी (राहत), अमरीक सिंह गिल (राहत), विनोद सिंह राठौड़, राकेश कुमार शर्मा उर्फ बब्बू, संजय सिंह कुशवाहा उर्फ चुन्नू, रविंद्र सिंह उर्फ रवि, राजू भदोरिया, नरसी शर्मा, सत्येंद्र सिंह, विवेक सिंह भदोरिया, लाला भदोरिया, सुनील गुप्ता, अशोक सिंह भदोरिया, राकेश चंद्र त्रिवेदी (राहत), वीके पांडे (राहत), अविनाश उर्फ लल्लन सिंह, जामबंद उर्फ बबलू, श्याम सुंदर उर्फ आनंद शर्मा, विनोद सिंह उर्फ बादल, विश्वनाथ राजभर शामिल हैं.

जानें क्या था जग्गी हत्याकांड ?

साल 2003 के दौरान राजनीतिक गलियारों में प्रदेश की जग्गी हत्याकांड अधिक चर्चा में रहा। इसके बाद इस केस में सुनाए गए फैसले भी चर्चा का विषय बना। इस हत्याकांड में कुल 31 आरोपी का नाम शामिल था। इसके बाद सभी 31 आरोपियों में से दो आरोपी सरकारी गवाह बन गए। इसके बाद बचे 29 आरोपियों के ऊपर मामले दर्ज है और सभी के ऊपर केस जारी रहा। बता दें कि इस मामले में सबसे मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर बचे 27 आरोपितों को सजा सुनाई गई थी। इस केस में तीन पुलिस अधिकारी का नाम भी शामिल था।

कौन थे जग्गी?

रामावतार जग्गी छत्तीसगढ़ के जाने माने कारोबारी परिवार से आते थे। वे देश के दिग्गज नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के नजदीकी थे। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शुक्ल जब कांग्रेस से इस्तीफा देकर एनसीपी ज्वाइन किए तो उनके साथ जग्गी भी एनसीपी में शामिल हुए। ऐसे में शुक्ल ने जग्गी को छत्तीसगढ़ में एनसीपी का कोषाध्यक्ष बना दिया था।

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