रायपुर। आज शनिवार को छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की तीन फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन करने जा रहे हैं।
आज देंगे ये खास सौगातें
आज यानी 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की तीन फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन करने वाले हैं। 600 करोड़ रुपये फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (FMC) परियोजनाओं का मूल्य है। बता दें कि SECL कोल इंडिया की पार्टनरशिप कंपनी है। वहीं कोयला मंत्रालय ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ में कोयला मंत्रालय के तरफ से कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की तीन प्रमुख फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी परियोजनाओं का वर्चुअल उद्घाटन करने वाले हैं।
जानें क्या है OCP ?
दीपका क्षेत्र में एक परियोजना ओपन कास्ट प्रोजेक्ट (OCP) कोयला हैंडलिंग प्लांट है। इसको बनाने में 211 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुआ है। 25 मिलियन टन की सालाना कोयला प्रबंधन क्षमता है। वहीं इसके साथ, 20,000 टन की क्षमता वाला एक ओवरग्राउंड बंकर और 2.1 किलोमीटर लंबा कन्वेयर बेल्ट इस परियोजना में है। कोयला मंत्रालय द्वारा दी गई बयान में कहा गया है कि इस कारण कोयले की तीव्र लोडिंग की सुविधा प्रति घंटे 4,500 से 8,500 टन मिलेगी।
दूसरी परियोजना की खासियत
छाल क्षेत्र में दूसरी परियोजना ओसीपी कोयला हैंडलिंग प्लांट है, जो 173 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से निर्माण हुआ है। बता दें कि इसमें वार्षिक छह मीट्रिक टन कोयले को संरक्षण की क्षमता है। इसके साथ, इसमें एक ओवरग्राउंड बंकर, 1.7 किमी तक फैला एक कन्वेयर बेल्ट और 3,000 टन की क्षमता वाला एक साइलो भी शामिल है।
बरौद OCP का करेंगे PM मोदी उद्घाटन
बरौद ओसीपी कोयला हैंडलिंग प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जिसे सालाना 10 मीट्रिक टन कोयले को संभालने के लिए बनाया गया है। इस परियोजना को तैयार करने में 216 करोड़ रुपये खर्च हुई है। यह परियोजना की खास बात यह है कि इसमें 20,000 टन की क्षमता है जो ओवरग्राउंड बंकर केरूप में बना है और 1.7 किमी कन्वेयर बेल्ट से सुसज्जित, इस परियोजना में एक तीव्र लोडिंग प्रणाली है जो प्रति घंटे 5,000-7,500 टन कोयला लोड करने में सहायता देगी।
कोयला मंत्रालय के मुताबिक
कोयला मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि FMC परियोजनाओं का लक्ष्य कोयला परिवहन पर सड़कों के माध्यम से निर्भरता को कम करना है, इससे यातायात की दिक्कत, सड़क दुर्घटनाओं और पर्यावरणीय प्रभाव को कम होने में मदद मिलेगी।