रायपुर: आपने हमेशा से यह खबर सुना होगा कि नक्सली आईईडी ब्लास्ट करके देश के सुरक्षाबलों को अक्सर अपना निशाना बनाते रहते हैं. पिछले दिन भी छत्तीसगढ़ के बीजापुर में इसी तरह कुछ नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट का उपयोग कर भारतीय जवानों से सवार गाड़ी को उड़ा दिया था. इस दौरान 9 जवान शहीद हो गये थे, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि IED क्या होता है, जिसका इस्तेमाल कर नक्सली और आतंकी इस तरह के घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं।
IED एक खतरनाक बम
बता दें कि IED एक तरह का बम होता है. हालाँकि, यह सैन्य बमों से अलग है। आतंकवादी आईईडी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर विस्फोट करने और सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए करते हैं।
फटते ही लग जाती है आग
IED के फटते ही अक्सर मौके पर आग लग जाती है क्योंकि इसमें घातक और आग लगाने वाले रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. इस बम का इस्तेमाल खासतौर पर आतंकवादी सड़क किनारे आईईडी लगाते समय करते हैं। जिसके कारण इस पर पैर रखते ही या किसी वाहन का पहिया इस पर चढ़ते ही यह फट जाता है।
इस तरह करते हैं विस्फोट
आईईडी को ट्रिगर करने के लिए, आतंकवादी रिमोट कंट्रोल, इन्फ्रारेड या चुंबकीय ट्रिगर, दबाव-संवेदनशील बार या ट्रिप वायर जैसे तरीकों का उपयोग करते हैं। इतना ही नहीं, कई बार इन्हें तारों के सहारे सड़क किनारे बिछा दिया जाता है। बता दें कि भारत में आतंकवादी और नक्स्ली हमेशा IED ब्लास्ट से सुरक्षबलों को नुकसान पहुंचाते हैं.
पुलवामा हमला में इसी का इस्तेमाल
देश में आतंकी अक्सर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते रहते हैं। लेकिन आपको याद होगा कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी आईईडी ब्लास्ट के जरिए अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दिया था. 14 फरवरी 2019 को आतंकियों ने सेना के काफिले पर IED से हमला किया था, जिसमें देश के 40 जवान शहीद हो गए थे. आतंकवादी अक्सर इस खतरनाक और विस्फोटक का इस्तेमाल करते हैं.