रायपुर। गोवा पुलिस ने छत्तीसगढ़ के इंजीनियर मनोज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जो खुद को आईएएस ऑफिसर बताकर क्लब और होटल के मालिकों को धमका रहा था। उसने पुलिस कर्मचारियों को भी धोखे में रखा और उनका इस्तेमाल व्यापारियों को डराने के लिए किया। पुलिस ने बताया कि मामले में अभी जांच-पड़ताल की जा रही है।
लम्बाना रिजॉर्ट में ठहरा था
जानकारी के मुताबिक मनोज कुमार 5 दिसंबर को उत्तरी गोवा के उमटावाड़ा-कैलंगुट स्थित लम्बाना रिज़ॉर्ट में ठहरा हुआ था। उसने टैक्सी बुक करते हुए खुद को ओडिशा का आईएएस ऑफिसर बताया और कहा कि जल्द ही उसका ट्रांसफर गोवा में होगा। इसके बाद वह 20 दिसंबर को अपनी प्रेमिका के साथ गोवा पहुंचा। 26 दिसंबर की रात मनोज ने पुलिस कर्मचारियों को बताया कि वह आईएएस अधिकारी है और क्लब और होटलों का निरीक्षण करना चाहता है। पुलिसकर्मियों ने उसकी बातों पर भरोसा किया और उसे सहयोग दिया।
क्लबों और होटलों का भ्रमण किया
इसके बाद मनोज कुमार ने बागा में स्थित क्लबों और शैक्स का भ्रमण किया। उसने क्लब मालिकों को तेज म्यूजिक और देर रात तक संचालन पर चेतावनी दी। इतना ही नहीं कुछ क्लबों को बंद करने की धमकी भी दी। उसने पुलिस कर्मचारियों के साथ टीटो क्लब और अन्य स्थानों का भी निरीक्षण किया। होटल मालिकों को डराने और धमकाने की कोशिश की। इस दौरान कैलंगुट पुलिस को उस पर शक हुआ। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि मनोज कुमार आईएएस अधिकारी नहीं है।
फर्जी पहचान पत्र बनाया
उसने फर्जी पहचान पत्र बनाकर सबके साथ धोखाधड़ी की है। कांस्टेबल नारायण नरसे ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद विभिन्न धाराओं में उसके खिलाफ केस दर्ज किया। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उत्तरी गोवा के पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल ने बताया कि जैसे ही मामला कलंगुट पुलिस के संज्ञान में आया, उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस का गलत इस्तेमाल किया
आरोपी ने न केवल क्लब और होटल के मालिकों को धमकाया, बल्कि पुलिस का गलत इस्तेमाल भी किया। उसने फर्जी पहचान का सहारा लेकर कारोबारियों में डर का माहौल पैदा किया।