रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के स्कूल से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। स्कूल में छात्राओं ने एक शिक्षक से पानी पीने की अनुमति मांगी तो शिक्षक ने अपने छात्रों को नाली का पानी पीने की सलाह दी। इतना ही नहीं यह भी कहा की अगर उससे भी मन ना भरे तो पेशाब पीने की सलाह दी। टीचर की इस करततू से दुखी बच्चियों ने डीएम को इस मामले के बारे में बताया।
बाहर जाकर पानी पीने की अनुमति मांगी
शिकायत सुनकर स्वयं डीएम भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि कोई टीचर इस तरह की शर्मनाक बात कैसे कर सकता है? उन्होंने मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए टीचर को सस्पेंड कर दिया। साथ ही मामले पर जांच के आदेश दिए। मामला बलरामपुर में वाड्रफनगर विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय फूलीडूमर का है। इस स्कूल में बीते दिनों सभी छात्र-छात्राओं को कीड़ी मारने की दवा खिलाई जा रही थी। चूंकि इस स्कूल में पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में 1 स्कूली छात्रा ने हेडमास्टर से पानी पीने के लिए बाहर जाने की अनुमति मांगी।
मामले की सूचना परिवार वालों को दी
इसके जवाब में हेडमास्टर रामकृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि नाली में पानी बह रहा है उसे पी लो या फिर पेशाब करो और उसे ही पी लो। टीचर के इस आपत्तिजनक टिप्पणी से छात्राओं को मानसिक रूप से आहत पहुंची है। स्कूल से छुट्टी होने के बाद छात्रा घर पहुंची और उसने परिवार वालों को इस मामले की सूचना दी। बच्ची के परिवार वालों ने मामले की जानकारी सरपंच को दी और फिर सभी मिलकर कलक्ट्रेट के ऑफिस पहुंचे।
हेडमास्टर को उसके पद से हटाया
जहां डीएम को इस मामले की लिखित में शिकायत दी। इस शिकायत के बाद विकासखंड शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच के बाद डीएम रिमिजियुस एक्का को जांच रिपोर्ट सौंपी गई। डीएम ने टीचर की इस करतूत को शर्मनाक करार देते हुए उसे उसके पद से निलंबित कर दिया।