रायपुर। संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत हलषष्ठी 25 अगस्त को है। हलषष्ठी को कमरछठ के नाम से भी जाना जाता है। हलषष्ठी पर्व को लेकर तैयारी पहले ही शुरू हो गई हैं। शहर के चौक-चौराहों पर पर्व के लिए बाजार सज गए है। शहर में इन दिनों पसहर चावल की बिक्री तेजी से हो रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार चावल की बिक्री में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। संतानों की लंबी आयु की कामना के लिए माताएं कमरछठ पर्व पर कठोर व्रत का तप करती है। व्रत रखकर वह भगवान की पूजा-अर्चना करती हैं।
व्रत का शुभ मुहूर्त
भादो माह के षष्ठी तिथि को कमरछठ का त्योहार मनाया जाता है। इस साल कमरछठ व्रत शुभ मुहूर्त 24 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे से से 25 अगस्त को सुबह 10:11 बजे तक का होगा । कमरछठ पर्व को महिलाएं धूम-धाम के साथ मनाती है। हलषष्ठी पर्व पर माताएं सगरी खोदकर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करती है। गणेश को पसहर चावल, बेल पत्ती, दूध, दही, घी, कांशी, भौरा,खमार, बांटी समेत कई अन्य सामग्रियां अर्पित की जाती हैं। भगवान की पूजा करने के बाद माताएं घर पर बिना हल के सहारे उपजे अनाज जैसे पसहर चावल,6 तरह की सब्जी को पकाकर प्रसाद के रूप में लोगों में बांटती है और अपना व्रत तोड़ती है।
पसहर चावल की ब्रिक्री
इस पर्व पर उपवास तोडकर खास अन्न पसहर (फसही) चावल का सेवन किया जाता है। यह चावल सप्ताह भर पहले से ही बाजार में बिकना शुरू हो जाता है। शहर की कई दुकानों पर पसहर चावल की ब्रिकी हो रही है। इस चावल की विशेष बात यह है कि इस चावल की पैदावार बिना हल की सहायता से की जाती है। हलषष्ठी के पर्व पर इस चावल की मांग अधिक होती है। मान्यता है कि,सदियों पहले से ही इस चावल का सेवन करके ही व्रत को तोड़ा जाता है। बाजार में पसहर चावल की कीमत 20 से 30 रुपए पाव है। इसमें भी भिन्न-भिन्न किस्म के पसहर चावलों की ब्रिक्री बाजार में हो रही है।