रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबल की कार्रवाई के प्रभाव से लाल आंतक आत्मसमर्पण कर रहा है। साय सरकार की ”छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन और पूनर्वास”नीति से प्रभावित होकर भी नक्सली सरेंडर कर रहे है। सुकमा जिले में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। जिसमें पांच महिलाएं शामिल हैं।
बिना हथियार किया सरेंडर
आत्मसमर्पण करने वाली 1 महिला पर एक लाख रूपये इनाम घोषित था। नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए प्रोत्साहित कराने में डीआरजी सुकमा, रेंज फिल्ड टीम डीआईजी ऑफिस कोंटा और 02, 50, 219, 228 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा की खास की कोशिश रही है। नक्सली महिला मड़कम देवे, वेक्को आयता, माड़वी सन्ना, वेट्टी भीमा ने बिना हथियार के सुरक्षा बल के सामने सरेंडर कर दिया । अमृतेश कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी 50 वाहिनी सीआरपीएफ एवं निरीक्षक रोशन सिंह राजपूत, प्रभारी नक्सल सेल सुकमा के समक्ष सरेंडर किया।
नक्सली गतिविधियों में शामिल
महिला सोड़ी भीमे, महिला ओयाम जोगी, पोड़ियाम हुंगा, महिला मड़कम सुक्की, महिला पदाम कोसी ने मनीष रात्रे, दूधी हांदा, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुकमा एवं निरीक्षक सुरेशपाल सिंह, 02 वाहिनी सीआरपीएफ के सामने बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। नक्सली सदस्य मड़कामी बुधु उर्फ बुधु यादव ने भी आत्मसमर्पण किया है। इस मामले में सुकमा एसपी किरण चौहान का कहना है कि उपरोक्त सभी नक्सली प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर अलग-अलग नक्लसी गतिविधियों जैसे पुलिस पर हमला करना, प्रशासन के विरूद्ध नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना, पुलिस पार्टी के मार्गो में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोदना ताकि आने-जाने में परेशानी होआदि घटनाओं में शामिल रहे है।