Thursday, November 21, 2024

Diarrhea: छत्तीसगढ़ में डायरिया का प्रकोप जारी, 10 हजार से ज्यादा मरीज हुए शिकार

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में डायरिया और डेंगू-मलेरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश के शासकीय और निजी अस्पतालों में डायरिया के मरीजों में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। डायरिया से सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे हैं। प्रदेशभर में जनवरी से अब तक डायरिया के 10,830 मरीज मिल चुके हैं। डायरिया की बीमारी से कवर्धा जिले में 5 तथा जांजगीर-चांपा जिले में 2 की मौत हुई है।

बस्तर में मलेरिया सबसे ज्यादा मामले

स्वास्थ्य विभाग ने डारिया के इन मामलों से इनकार किया है। डेंगू के अब तक 30 मरीज मिल चुके हैं। जिसमें से 10 मरीज इसी महीने में मिले हैं। मलेरिया से पीड़ित लोगों का भी अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया है। दुर्ग, कोरबा, राजनांदगांव, धमतरी, बिलासपुर, नारायणपुर, जांजगीर-चांपा, बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, सुकमा और कांकेर में मलेरिया के केस सामने आ रहे हैं। गरियाबंद जिले में 15 से अधिक गांवों में मलेरिया का प्रकोप छाया हुआ है। मलेरिया का सबसे ज्यादा प्रकोप बस्तर संभाग में है। बस्तर में मलेरिया के सबसे ज्यादा मरीज मिले है।

अगस्त में आए मलेरिया के ज्यादा केस

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी छमाही रिपोर्ट के मुताबिक बीजापुर में विगत छह माह में मलेरिया के 4,441, दंतेवाड़ा में 1,640, नारायणपुर में 1,509, बस्तर में 1,660, कोंडागांव में 701, सुकमा में 1,144, तथा कांकेर में 259 केस मिल चुके हैं। इधर, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 2020 से 2023 के दौरान पहले से नौंवे चरण तक मलेरिया की पॉजिटिव दर 4.60 फीसदी से घटकर 0.51 फीसदी हो गई है। अभियान का दसवां चरण 5 जुलाई 2024 को समाप्त हुआ है। डॉक्‍टरों के मुताबिक मलेरिया के केस अगस्त में ज्यादा आते हैं। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आंबेडकर अस्पताल में मलेरिया के प्रतिदिन चार से पांच मरीज पहुंच रहे हैं।

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