रायपुर : नीट यूजी के परिणाम 4 जून, लोकसभा चुनाव रिजल्ट वाले दिन जारी हुए। जिसको लेकर देश भर में लगातार विवाद छिड़े हुए हैं। इस बीच इस साल अच्छी रैंक या अच्छे स्कोर पाने वाले स्टूडेंट्स भी घबराए हुए हैं। उनकी घबराहट की कारण यही है कि उनका एडमिशन सरकारी मेडिकल कॉलेज (NEET Cut-off 2024) में होगा या नहीं। NTA के परिणाम में देश में 67 स्टूडेंट्स को रैंक एक जैसी ही मिली है। इसको लेकर शिक्षा नगरी से लेकर बच्चो में काफी आक्रोश है।
कट ऑफ हाई जाने की पूरी उम्मीद
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस साल इन विवादों के कारण प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कट ऑफ हाई जाने की पूरी उम्मीद है। पिछले वर्ष, 2023 तक 530 नंबर वालों का एडमिशन सरकारी मेडिकल कॉलेज (NEET Cut-off 2024) में हो जाया करता था। इस साल भी ऐसा हो, इसकी संभावना कम है। यही वजह है कि कड़ी मेहनत कर अच्छा स्कोर लाने वाले स्टूडेंट्स अपने एडमिशन को लेकर काफी चिंता में हैं।
चुनावी परिणाम के दिन ही नीट परिणाम क्यों
बता दें कि नीट परिणाम आने के बाद विवाद काफी बढ़ते हुए देखा जा रहा है। नीट एस्पिरेंट का कहना है चुनावी परिणाम के दिन ही नीट परिणाम क्यों जारी हुआ, साथ ही कहना है एक जैसा नंबर इतने छात्र-छात्राओं को मिलना। इन विवादों के कारण नीट 2024 क्वालिफाइड बच्चे की घबराहट व बेचैनी बढ़ी हुई है। उत्तीर्ण अभ्यार्थी चिंता में हैं कि कहीं रिजल्ट रद्द न हो जाए। अगर ऐसा हुआ तो कहीं उनके स्कोर पर असर तो नहीं पड़ जाए। हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक (NEET Cut-off 2024) जो मेहनत से नीट 2024 उत्तीर्ण किए हैं, उन्हें किसी तरह भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। परिणाम दोबारा जारी होने पर भी टॉपरों को छोड़कर, जिन्हें NTA ने बोनस नंबर दिया है, उनको छोड़कर किसी अन्य बच्चों का परिणाम नहीं बदलेगा।
छत्तीसगढ़ में MBBS की 1910 सीटें
छत्तीसगढ़ में 10 सरकारी व 3 निजी मेडिकल कॉलेजों में MBBS की 1910 सीटें हैं। पिछले साल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में 675 से 585 अंक प्राप्त करने वालें बच्चों का एडमिशन हुआ था। इस साल 585 अंक लाने वाले बच्चों को रायपुर मिल जाएं, इस बात की कोई संभावना नहीं है। रैंक एक में 67 छात्रों के 720 में 720 अंक मिलने के बावजूद नई दिल्ली AIIMS में सीट मिलने से रहा। AIIMS दिल्ली में MBBS की 100 सीटें हैं। केटेगरीवार सभी 67 स्टूडेंट्स का एडमिशन वहां संभव ही नहीं है।
दो वर्ष पहले 22 सीटें खाली रह गई
छत्तीसगढ़ में सरकारी व निजी कॉलेजों में MBBS की सभी सीटें भर जाती हैं। दो वर्ष पहले 22 सीटें खाली रह गई थीं। इनमें आल इंडिया व सेंट्रल पुल की सीटें थीं। दरअसल दुर्ग मेडिकल कॉलेज को बाद में मान्यता मिली थी। इस वजह से वहां आल इंडिया व सेंट्रल पुल की सीटें खाली रह गईं थीं। बता दें कि यह MBBS कोर्स ऐसा है, जिसे हर नीट उत्तीर्ण की चाहत होती है पाना। इस वजह से हमेशा एडमिशन के समय मारामारी मची रहती है।
2024 नीट विवादों से घिरा हुआ
NTA ने लोकसभा चुनाव 2024 की काउंटिंग के दौरान नीट का रिजल्ट जारी किया। जबकि नीट परिणाम 14 जून को घोषित होना था। इतना ही नहीं रैंक वन में 67 स्टूडेंट्स के आने पर भी देश भर में विवाद छिड़ा हुआ है। विवाद तो इस वजह से और अधिक बढ़ा हुआ है कि इनमें 6 से अधिक छात्र एक ही सेंटर के होने की बात सामने आ रही है। साथ ही चर्चाएं यहां तक है कि 4 मई को एग्जाम से पहले पेपर लीक हो गया था, लेकिन NTA इसे इनकार कर दिया था। अधिक छात्रों के रैंक वन में आने पर NTA ने सफाई दी है कि बोनस अंक दिए जाने की वजह से ऐसा हुआ है। 67 में 46 स्टूडेंट को 5 नंबर बोनस दिए गए हैं, जिससे उनके नंबर 715 से 720 पहुंच गया।