रायपुर : वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती हैं. इस तिथि पर लोग भगवान विष्णु का पूजा-पाठ करते है. इस दिन महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता हैं. हिन्दू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म के लिए भी यह दिन महत्वपूर्ण होता है. बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान, दान और उपवास का एक अलग महत्व होता है. ऐसा बताया गया है कि इस तिथि पर गौतम बुद्ध ने भगवान विष्णु के अवतार मे जन्म धरती लोक में आए थे और इसी दिन गौतम बुद्ध को ज्ञान की भी प्राप्ति हुई थी.
23 मई को बुद्ध पूर्णिमा
हिंदू पंचांग के मुताबिक, पूर्णिमा तिथि 22 मई को शाम 5:50 बजे से शुरू होकर अगले दिन 23 मई को शाम 6:20 बजे तक रहेगी. सनातन धर्म में ऐसे भी उदया तिथि को माना जाता है. इसलिए 23 मई को ही बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी. उस दिन लोग सुबह स्नान करने के बाद दान-पुण्य का कार्य करेंगे. हालांकि पूर्णिमा का उपवास 22 मई को ही रखा जाएगा. इस संबंध में ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि व्रत के लिए पूरे दिन पूर्णिमा तिथि का होना अनिवार्य होता है इसलिए 22 मई को ही पूर्णिमा का उपवास रखा जाएगा.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये कार्य
ज्योतिष आचार्य के मुताबिक बुद्ध पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना गया है. स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल जरूर चढ़ाएं और काला तिल जल में प्रवाहित करें। इसके साथ इस दिन जरूरतमंद या ब्राह्मण को अपने क्षमता के हिसाब से दान भी करें. इससे भगवान विष्णु खुश होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं.
रात्रि में भगवान चंद्रदेव को दें अर्घ्य
हिंदू धर्म के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की पूजा-अर्चना करना शुभ बताया गया है. इस दिन रात्रि में चंदोदय के दौरान भगवान चंद्रदेव को अर्घ्य देना चाहिए. इससे आर्थिक परेशानियां खत्म होती है.