Sunday, September 8, 2024

Bilaspur News : लिव इन संबंध सामाजिक कलंक- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, मुस्लिम पिता को बच्चे के संरक्षण का अधिकार नहीं

रायपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लिव इन संबंध को भारतीय संस्कृति के लिए कलंक बताया है। (Bilaspur News) कोर्ट ने लिव इन संबंध को लेकर कहा कि इस तरह के रिलेशन आयातित धारणा का पार्ट हैं जो भारतीय रीति-रिवाजों व संस्कृति के विपरीत हैं। साथ ही इसके साथ हाईकोर्ट ने मुस्लिम पिता और हिंदू मां से जन्म लिए बच्चे के रख-रखाव का अधिकार पिता को देने से मना कर दिया है।

वैवाहिक कर्तव्यों के प्रति असंवेदनशीलता

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि वैवाहिक कर्तव्यों के प्रति असंवेदनशीलता ने लिव इन रिलेशन की विचार को बढ़ाया है। (Bilaspur News) ऐसे रिलेशन कभी भी वह सुरक्षा, सामाजिक सहमति, प्रगति और ठहराव नहीं देते हैं, जो विवाह संस्था देती है। बता दें कि अगस्त 2021 में लिव इन रिलेशन में रहते हुए हिंदू महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन महिला बच्चे के साथ 10 अगस्त 2023 को लापता हो गई।

मामले में याचिका दर्ज

सिद्दीकी ने 2023 में हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका दर्ज की, कोर्ट की सुनवाई के दौरान महिला अपने माता-पिता एवं बच्चे के साथ कोर्ट पहुंची। इस मामले को लेकर महिला ने अदालत को बताया कि वह अपनी मर्जी से अपने मायके में रह रही है। हालांकि मुस्लिम युवक सिद्दीकी ने बच्चे से नहीं मिलने देने पर फैमिली कोर्ट, दंतेवाड़ा में याचिका दर्ज करवाया। फैमिली कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर करते हुए कहा मुस्लिम पिता और हिंदू मां से जन्मे बच्चे के संरक्षण का अधिकार पिता को नहीं दिया जाएगा।

Ad Image
Latest news
Ad Image
Related news