Saturday, July 27, 2024

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर इन प्रसिद्ध शिवलिंगों का जानें इतिहास, छत्तीसगढ़ में कौन कहां है स्थित

रायपुर। देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा। इस अवसर पर लोग भगवान भोलेनाथ का विधिपूर्ण पूजा-पाठ करते हैं। तो आइए जानतें हैं छत्तीसगढ़ में स्थिति तमाम प्रसिद्ध शिवलिंगों के बारे में।

हजारों की संख्या में पहुंचते हैं भक्त

देश भर में महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भारी संख्या में भक्त दूर-दूर से शिवलिंगों पर पूजा पाठ करने पहुंचते हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में ऐसे शिवलिंग स्थित हैं जहां हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्तजन पूजा करने पहुंचते है। प्रदेश भर में ऐसे कई शिवलिंग हैं जो इन तमाम जिलों में स्थित हैं।

गरियाबंद

राजधानी रायपुर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर गरियाबंद जिला मुख्यालय से 3 km दूर गांव मरौदा में पहाड़ियों के बीच में एक शिवलिंग स्थित है। इस मंदिर को लोग भूतेश्वर महादेव के नाम से जानते है। माना जाता है कि यह शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग है। ऐसे में यहां महाशिवरात्रि पर हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते हैं।

जांजगीर-चांपा

राज्य के जांजगीर-चांपा स्थित खरौद नगर में एक लाख छिद्र वाले शिवलिंग है। जहां हजारों की संख्या में भक्त पूजा करने पहुंचते हैं। माना जाता है कि मंदिर को लंका पति रावण का वध करने के बाद लक्ष्मण जी ने अपने बड़े भाई भगवान रामजी से ही स्थापना करवाई थी. इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का काशी भी कहा जाता है.

दुर्ग

प्रदेश के दुर्ग जिले के ग्राम शिवकोकड़ी में भगवान शिव का एक मंदिर है. यह मंदिर शिव भक्तों के लिए आस्था का प्रतिक है. शिवरात्रि और सावन के महीने में यहां अधिक भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर को लेकर माना जाता है कि यह मंदिर करीब 500 वर्ष पुराना है. इस मंदिर में करीब 8 फीट ऊंचा शिवलिंग है. ऐसे में अगर आप महाशिवरात्रि पर किसी भी शिवलिंग का दर्शन करना चाहते है तो यहां जरूर जाए।

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