रायपुर। छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से वर्चुअल वार्ता करने के लिए अपील की है। ऐसे में प्रदेश के नक्सलियों की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आया है। बता दें कि नक्सलियों के डीकेएसजेडसी कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने मंत्रियों से बात करने के लिए कुछ शर्त रखी है। उन्होंने मंत्रियों की अपील स्वीकार करते हुए कहा है कि वार्ता के लिए वातावरण निर्माण की जिम्मा सरकार की होगी।
इससे पहले वार्ता की पेशकश बेमानी रही
नक्सली प्रवक्ता ने कहा है कि इससे पहले भी वार्ता की गई थी, जो वार्ता बेमानी रही है। इस कड़ी में उन्होंने कहा कि चाहे वह पहले के मुख्यमंत्री या केंद्रीय गृहमंत्री ने वार्ता की अपील की हो। दूसरी तरफ सरकार पर आरोप लगाते हुए नक्सली प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार एक तरफ हमसे वार्ता का प्रस्ताव करती है और दूसरी तरफ जंगलों में हमारे खिलाफ ऑपरेशन तेज कर देती है। बता दें कि 16 जनवरी को गृहमंत्री ने अपने एक भाषण के दौरान कहा था कि यदि नक्सली वार्ता करने जंगलों से बाहर नहीं आ सकते तो वो वीडियो कॉल पर भी उनसे बात करने के लिए तैयार है।
बस्तर में भी की गई थी कोशिश
छत्तीसगढ़ के कई नेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओ नें वार्ता का सहारा लेकर नक्सल समस्या का समाधान करवाने की कई बार प्रयत्न किए। नेताओं में ब्रम्हदेव शर्मा, अरविन्द नेताम, स्वामी अग्निवेश का नाम अधिक फेमस है। लेकिन उन्हें भी इस मामले में कोई सफलता नहीं मिल पाई थी।
इन शर्तों पर होगी बातचीत
- बस्तर में चल रहे अपने सभी पुलिस ऑपरेशन बंद करे – नक्सली प्रवक्ता
- सभी जवानों को 6 महीनों के लिए कैंप और थाने में ही रखें।
- कोई नया पुलिस कैंप भी 6 महीने के दौरान उनके आधार इलाकों में स्थापित नहीं किया जाए।
- बता दें कि नक्सलियों ने वार्ता से पहले अपने साथियों को रिहा करने की बात भी रखी है।
- नक्सलियों ने कहा है कि यदि सरकार इस शर्तों को मानती है तो हम यानी नक्सल संगठन उनसे सीधी या मोबाइल के माध्यम से वार्ता को रेडी है।