रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को बड़ी सफलता हासिल हुई है। बताया जा रहा है कि नक्सल विरोधी अभियान पर निकली संयुक्त टीम ने 10 नक्सलियों को एक साथ गिरफ्तार किया है। इनमें डीआरजी, बस्तर फाइटर्स और सीआरपीएफ 230वीं बटालियन के जवानों की टीम ने हुर्रेपाल और बेचापाल में घेराबंदी की। गिरफ्तार किए गए नक्सली बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले की अलग-अलग घटनाओं में शामिल रहे हैं।
नक्सल विरोधी अभियान में मिली सफलता
इस मामले के संबंध में जानकारी देते हुए दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत सीआरपीएफ, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दंतेवाड़ा और बीजापुर बॉर्डर पर एलओएस कमांडर सोनू ओयाम के साथ लगभग 20 से 25 नक्सली मौजूद हैं। जिसके बाद जवानों की टीम मौके पर पहुंची और इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान पुलिस को देखकर नक्सली भागने लगे। लेकिन घेराबंदी कर के करीब 10 नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
26 नवंबर की आगजनी की घटना के हैं आरोपी
इन नक्सलियों ने पूछताछ में अपना नाम मोती ओयाम, कारू कड़ती, छोटू हेमला, राजेश कड़ती, सोमारू ओयाम, सुनील माड़वी, माड़का लेकाम, आयतु उर्फ सुपा, कोया हेमला और बचलू मड़काम नाम बतायाहै। वहीं एसपी के मुताबिक कुछ नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपए का ईनाम भी घोषित है। इन नक्सिलयों ने 26 नवंबर को हुई आगजनी की घटना में शामिल होने की बात स्वीकार की है। साथ ही बीजापुर इलाके में आईईडी ब्लास्ट से जवानों और पुलिस वाहनों को निशाना बनाने में भी ये नक्सली आरोपी हैं। गिरफ्तार किए गए नक्सलियों में जनमिलिशिया सदस्य और जनमिलिशिया डिप्टी कमांडर भी शामिल हैं।