रायपुर। छत्तीसगढ़ की छठवीं विधानसभा का तीन दिवसीय शुरू हो चुका है। जहां शपथ ग्रहण के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना गया है। साथ ही सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद सीएम विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, रमन सिंह को आसंदी तक लेकर गए।
रमन सिंह बने विधानसभा अध्यक्ष
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष बनने के कहा कि इस बार सदन में 50 नये सदस्य हैं, जिसमें 19 महिलाएं हैं। सभी को बहुत बधाई। रमन सिंह ने कहा कि समय के अनुसार भूमिका बदलती है। आज सदन ने एक नई जवाबदारी दी है, मैं उसका शत-प्रतिशत निर्वहन करूंगा। उन्होंने कहा कि पूज्य बाबा गुरु घासीदास का वचन याद आ रहा, मनखे-मनखे एक समान। हम सभी का कर्तव्य है कि ये परंपरा कायम रहे। मैं अपनी जिम्मेदारी का हर स्थिति में पालन करूंगा। भाजपा का कार्यकर्ता हूं लेकिन अब नई भूमिका में हूं। मेरा आशय सिर्फ यही है कि विधानसभा का सफल संचालन हो।
सीएम विष्णुदेव ने दी बधाई
डॉ. रमन सिंह को अध्यक्ष चुने जाने पर सीएम विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं इनके साथ विधायक और सांसद के रूप में काम कर चुका हूं। मुझे इनका मार्गदर्शन और सहयोग मिलता रहा है, अब पूरे सदन को इनका मार्गदर्शन और सहयोग मिलेगा। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा हम आपके प्रभाव को जानते हैं। आप बेहतर इंसान है। छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए आपका व्यवहार हमेशा अच्छा रहा है। हमें विश्वास है कि संसदीय परंपराओं को आप एक नई ऊंचाई देंगे। आपका जो वर्तमान है वो मेरा अतीत है। आपसे अपेक्षा है कि पक्ष-विपक्ष को समान अवसर देंगे।
डॉ. रमन सिंह का राजनीतिक सफर
डॉ. रमन सिंह ने अपने छात्र जीवन के समय से ही बीजेपी के साथ जुड़कर काम शुरू किया। वो 1990 में पहली बार विधायक बने थे। जबकि 1999 में रमन सिंह राजनांदगांव लोकसभा सीट पर सांसद बनने के बाद वाजपेयी सरकार में राज्यमंत्री बने। यही नहीं वो 2003 में पहली बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने। इस दौरान रमन सिंह 2018 तक इस पद पर रहे। अब 2023 का चुनाव जीतकर विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका में नजर आएंगे।