रायपुर। छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कैबिनेट में कौन कौन शामिल होगा इसकी चर्चाएं जोरों पर हैं। ऐसा माना जा रहा है कि राज्य में मुख्यमंत्री समेत 13 नेता कैबिनेट में शामिल हो सकते है। इस लिहाज ऐसे कई दावेदार हैं जो इस लाइन में सबसे आगे चल रहे हैं। जिनके कैबिनेट में शामिल होने के लगातार कयास लगाए जा रहे हैं।
पिछली सरकार के फॉर्मूले पर हो सकता है गठन
दरअसल, छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार 4,3,3,2,1 के फार्मूले पर चली। इस दौरान कांग्रेस के मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा एसटी वर्ग के 4 मंत्री, 3 ओबीसी और 3 जनरल, एससी वर्ग से 2 और एक अल्पसंख्यक वर्ग के नेता को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। अब ये अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी भी इसी तर्ज पर आदिवासी और ओबीसी वर्ग के नेताओं को ज्यादा तवज्जो दे सकती है।
विभिन्न वर्गों से बनाए गए हैं सीएम और डिप्टी सीएम
वहीं, बीजेपी ने आदिवासी वर्ग के नेता विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया है। साथ ही एक ओबीसी और एक जनरल कास्ट से डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। ऐसे में साय के मंत्रिमंडल में 10 लोगों की और जरूरत है। जबकि सियासी गलियारों में जो चर्चाएं चल रही है उसके अनुसार बस्तर से पूर्व मंत्री लता उसेंडी, केदार कश्यप, विक्रम उसेंडी जैसे दिग्गज नेता मंत्री मंडल में शामिल हो सकते हैं। साथ ही दुर्ग संभाग में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को विधानसभा स्पीकर बनाए जाने की चर्चा हो रही है। इसके अलावा कवर्धा से विजय शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया है। इस बीच साजा विधानसभा से कांग्रेस के मंत्री को हराने वाले ईश्वर साहू को भी कैबिनेट में जगह मिलने की चर्चा जोरों-शोरों से हो रही है।
इन महिलाओं को मिल सकता है मौका
इसके अलावा रायपुर संभाग से गुरु घसीदास के समाज के 2 नेताओं को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। जिसमें गुरु खुशवंत साहेब का नाम सबसे आगे है। इसके साथ ही महिला आरक्षण बिल को बढ़ावा देते हुए 2 महिलाओं को भी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। इसमें लता उसेंडी, रेणुका सिंह और गोमती साय का नाम सबसे आगे चल रहा है। ओबीसी वर्ग की बात करें तो बिलासपुर संभाग से अरुण साव, डिप्टी सीएम बने हैं लेकिन ओबीसी वर्ग के कई बड़े नेता अभी मौजूद हैं। ऐसे में रायगढ़ विधानसभा से ओपी चौधरी का नाम भी संभावित कैबिनेट मंत्री में आ सकता है।
पुराने नेताओं के नाम पर भी अटकलें
बता दें कि पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉ अजय चंद्राकर के अनुसार अगर बीजेपी रमन कैबिनेट के मंत्रियों को नई सरकार में जगह नहीं देती है, तो बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और पुन्नू लाल मोहले इनका पत्ता कट सकता है। हालांकि पार्टी कुछ नए और कुछ पुराने नेताओं का संतुलन बैठा कर भी कैबिनेट का गठन कर सकती है।