रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ की बागडोर अपने हाथों में ले ली है। साथ ही अरुण साव और विजय शर्मा डिप्टी सीएम का कार्यभार देख रहे हैं। पर शपथ समारोह के दो दिन बाद भी कैबिनेट के बाकी मंत्रियों के नाम जारी नहीं किए गए हैं। जिसे लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसना शुरू कर दिया है। यही नहीं कांग्रेस ने ये दावा भी किया है कि बीजेपी 5 साल तक सरकार नहीं चला पाएगी।
वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की जा रही
दरअसल, छत्तीसगढ़ में 13 मंत्रियों के साथ कैबिनेट का गठन हो सकता है। ऐसे में बीजेपी के 3 नेताओं को जिम्मेदारी दी जा चुकी है लेकिन मंत्रिमंडल के 10 नामों को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। जिसको लेकर शुक्रवार को रायपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी बीजेपी मुख्यमंत्री के नाम का चयन नहीं कर पा रही थी और अब मंत्रिमंडल के सदस्यों के नाम का चयन नहीं हो पा रहा। इसके पीछे का कारण यह है कि वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा की जा रही है। आनंद शुक्ला ने कहा कि पांच और छह बार जीते हुए विधायकों की उपेक्षा कर नए लोगों को अवसर दिया गया है। इसके कारण बीजेपी में बहुत ज्यादा असंतोष की स्थिति है। मुझे नहीं लगता कि ये सरकार 5 साल तक चल पाएगी।
कांग्रेस ने लगाया वादाखिलाफी का आरोप
सुशील आनंद शुक्ला ने आगे कहा कि चुनाव से पहले जब मोदी की गारंटी जारी की गई थी तब कहा गया था की सरकार बनते ही किसानों से 3100 रुपए में धान खरीदी होगी। इसके साथ प्रति एकड़ में 21 क्विंटल धान की खरीदी की जाएगी। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कई जगह कहा था कि किसानों का 2 लाख रुपए तक कर्जा माफ होगा। दिसंबर महीने में महिलाओं को प्रति महीने 1 हजार रुपए महतारी वंदन योजना के तहत दिया जाएगा लेकिन दुर्भाग्यजनक बात ये है कि पहली कैबिनेट में इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है। उलटे इन्होंने कह दिया हमारी सरकार 5 साल में वादों को पूरा करेगी। यानी बीजेपी ने पहली कैबिनेट मीटिंग में वादाखिलाफी कर दिया।