रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार को पार्टी अभी भूली भी नहीं थी की एक और बड़ा झटका लगा है। इस दौरान बड़ी खबर आई है कि कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता महंत रामसुंदर दास ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि महंत रामसुंदर दास को कांग्रेस ने इस बार रायपुर दक्षिण सीट से प्रत्याशी बनाया था। जहां महांत रामसुंदर को बीजेपी के बृजमोहन अग्रवाल से हार मिली। महंत रामसुंदर दास ने इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने 12 दिसंबर को ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया।
2003 में विधायक निर्वाचित हुए
बता दें कि महंत रामसुंदर दास शिवरीनारायण मंदिर के मठाधीश हैं। उन्होंने बाल्याकाल से ही रायपुर के ऐतिहासिक दूधाधारी मठ में रहकर पढ़ाई की थी। यहां महंत वैष्णव दास के देहांत के बाद मठ के उत्तराधिकारी बन गए। इसके अलावा उनका पेशा कृषि है। महंत रामसुंदर दास, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अध्यक्ष भी रहे और 2003 में वो पामगढ़ विधानसभा से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। जिसके बाद 2008 में जैजैपुर विधानसभा से दुसरी बार विधायक निर्वाचित हुए।
खुद को बताया हार का जिम्मेदार
दरअसल, महंत राम सुंदर दास ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख को पत्र लिखते हुए कहा, कांग्रेस कमेटी और पदाधिकारियों ने बहुत विश्वास कर मुझे रायपुर दक्षिण विधानसभा का प्रत्याशी बनाया, लेकिन चुनाव परिणाम आशा के अनुरूप नहीं रहा और प्रदेश में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से इस सीट पर पराजय हुई है। इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे रहा हूं।