रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डा. रमन सिंह ने राजनांदगांव विधानसभा सीट पर काफी भारी रिकार्ड मतों के साथ जीत दर्ज की है। बता दें कि सारी अटकलों पर विराम लगाते हुए उन्होंने कांग्रेस के गिरीश देवांगन को 45 हजार 84 मतों के अंतर से हराकर लगातार चौथी बार जीत दर्ज की। इस बार उन्हें 61.37 प्रतिशत मत मिले। इसके पहले के तीन चुनावों (2008-2018) में रमन सिंह को 32 हजार, 36 हजार व 16 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल हुई थी।
2018 में मिले थे 80 हजार 589 वोट
वहीं इस बार पूर्व सीएम ने 61.33 प्रतिशत मतों के साथ 45 हजार 84 वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें कुल एक लाख दो हजार 499 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस के गिरीश देवांगन को 57 हजार 415 मतों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं इससे पहले वर्ष 2018 में डा. रमन सिंह 80 हजार 589 वोटों के साथ विधायक चुने गए थे। उस समय डॉ रमन सिंह के विपक्ष में कांग्रेस की करुणा शुक्ला थी जिन्हें 63 हजार 656 वोट मिले थे। इस बीच उनके बीच डा. रमन की जीत का अंतर 16 हजार 933 मतों का था। 2018 के चुनाव में कुल एक लाख 48 हजार 630 मतदाताओं ने अपने मत अधिकार का प्रयोग किया था। उस साल मतदान का प्रतिशत 82.43 प्रतिशत रहा जिसमें से रमन सिंह के पक्ष में 58.40 प्रतिशत वोट पड़े थे। वहीं कांग्रेस को 34.27 प्रतिशत ही मत प्राप्त हुए थे।
2008 में मिले थे 77 हजार 230 वोट
इसके अलावा 2008 में डा. रमन सिंह ने 77 हजार 230 वोट के साथ जीत हासिल की थी। उस वक्त उनके विपक्ष में खड़े कांग्रेस के उदय मुदलियार को 44 हजार 841 वोट मिले थे। ऐसे में रमन सिंह की जीत का अंतर 32 हजार 389 वोट का था। वहीं वर्ष 2013 में राजनांदगांव से दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे डा. रमन सिंह को 86 हजार 797 वोट मिले थे। उस समय पूर्व सीएम की प्रतिद्वंद्वी अल्का उदय मुदलियार रही जिन्हें 50 हजार 931 मत मिल थे। 2013 का निर्णय 35 हजार 866 वोटों के अंतर के साथ रहा।
कांग्रेस को एक बार भी नहीं मिली बढ़त
वहीं अगर इस साल के विधानसभा चुनाव की बात करें तो पूर्व सीएम रमन सिंह राजनांदगांव से प्रत्याशी थे। इस सीट पर कुल 16 चक्रों में गणना पूरी हुई। जिसके हर चरण में डा. रमन सिंह को बढ़त मिली। इस दौरान एक भी चक्र ऐसा नहीं रहा जिसमें कांग्रेस आगे रही हो। यही कारण है कि डा. रमन सिंह की जीत का अंतर 45 हजार से अधिक रहा। यही नहीं अधिकांश बूथों पर भाजपा आगे रही।
शुरु से अंतिम चक्र तक बीजेपी ने किया लीड
बता दें कि राजनांदगांव सीट में कुल 223 बूथ बनाए गए थे। इनमें से 100 गांव व 123 शहरी क्षेत्र में हैं। जिसमें 71 हजार वोट गांवों में डले थे वहीं शहर के आउटर वार्डों व उससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 65 हजार वोट डाले गए। सिर्फ शहर में 30 हजार मतदान हुआ है। इसमें अंतिम दौर की गणना में अंजोरा, टेड़ेसरा, सोमनी, ईरा व अन्य गांवों के मत शामिल थे। यहां भी कांग्रेस को निराशा हाथ लगी। इस तरह भाजपा ने पहले दौर से जो बढ़त बनाई, वह अंतिम चक्र तक जारी रही।