रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतगणना सुबह 8 बजे से जारी है। ऐसे में अगर बात करें वीआईपी यानी हाई प्रोफाइल सीटों की तो प्रदेश में कुल 43 सीटें वीआईपी सीटें मानी जा रही हैं। इन सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और जेसीसीजे के दिग्गज नेताओं के बीच मुकाबला देखा जा रहा था। ऐसे में अगर मतगणना के अब तक के रुझान की बात करें तो बीजेपी इस समय लीड करती नजर आ रही है। अगर बीजेपी विधानसभा चुनाव जीतती है तो एक बड़ा सवाल ये उठता है की आखिर छत्तीसगढ़ का सीएम कौन होगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने मुख्ममंत्री के चेहरे के बिना विधानसभा चुनाव लड़ा। एक तरफ कांग्रेस के पास स्पष्ट रुप से मुख्यमंत्री का चेहरा था तो दूसरी ओर भाजपा मोदी और पार्टी के विजन पर यह चुनाव लड़ रही थी।
ये हो सकते हैं नए सीएम
इस समय बीजेपी के सीएम पद के दावेदारों में जिन नेताओं के नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं वो 6 नाम ये हो सकते हैं-
विजय बघेल
इस समय विजय बघेल की उम्मीदवारी सीएम पद के लिए काफी मजबूत मानी जा रही है। उसकी दो वजहें हैं। पहली विजय बघेल सीएम भूपेश बघेल की ही जाति ओबीसी की कुर्मी समाज से आते हैं। वो मुख्यमंत्री के खिलाफ पाटन से चुनाव में उतरे हैं। फिलहाल मतदान के रुझानों के मद्देनजर विजय बघेल इस समय सीएम बघेल से काफी पीछे चल रहे हैं।
पूर्व सीएम रमन सिंह
छत्तीसगढ़ में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके पूर्व सीएम रमन सिंह को भले ही पार्टी ने मुख्यमंत्री के तौर पर पेश नहीं किया हो लेकिन उनकी प्रत्याशिता को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता। केंद्रीय नेतृत्व यह बात जानता है कि रमन सिंह तीन कार्यकाल तक सरकार चला चुके हैं और उन्हें राज्य चलाने की बेहतर समझ है। यही नहीं वो राज्य में काफी लोकप्रिय रहे हैं। भले ही 2018 का चुनाव हारने के बाद उनकी सक्रियता कुछ कम रही हो लेकिन मुख्यमंत्री चुनते समय उनके अनुभव को दरकिनार कर देना कठिन होगा। इस बार भी मतगणना का रुझान उनके ही पक्ष में देखा जा रहा है।
अरुण साव
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का नाम भी सीएम पद दावेदारों में आता है। अरुण साव ओबीसी समाज से आते हैं। वो पार्टी के अंदर की गुटबाजी में विश्वास नहीं करते। ओबीसी की जिस जाति से वह आते हैं उसकी संख्या छत्तीसगढ़ में ठीक-ठाक है। इसलिए कहा जा सकता है कि जातीय समीकरणों का लाभ भी उनके पक्ष में जा सकता है। इसके साथ ही मतगणना रुझान अरुण साव के पक्ष में ही है।
ओपी चौधरी
वहीं ब्यूरोक्रेट ओपी चौधरी ने 2018 के चुनावों के पहले नौकरी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी जिसके बाद वो चर्चाओं में आए। बता दें कि ओपी चौधरी युवाओं में लोकप्रिय माने जाते हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी उनकी बहुत बड़ी फैन फालोइंग है। ओपी चौधरी ओबीसी समाज से आते हैं। वो राजनीति में एक विजन लेकर आए। उनके हिस्से की कमजोरी यह है कि वह पारंपरिक राजनेता नहीं हैं। संगठन को चलाने का अनुभव नहीं है। उम्र भी अपेक्षाकृत राज्य के नेताओं की तुलना में कम है। वहीं मतगणना रुझान ओपी चौधरी के पक्ष में ही है।
राम विचार नेताम
इसके अलावा बाजेपी छत्तीसगढ़ में किसी आदिवासी नेता पर भी दांव लगा सकती है। इस क्रम में राम विचार नेताम का नाम सबसे ऊपर आता है। इसके अलावा बीजेपी किसी नए आदिवासी चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। बता दें कि मुख्यमंत्री चुनते समय केंद्रीय नेतृत्व इस बात का ख्याल रखना चाहेगा कि 6 महीने बाद ही लोकसभा के चुनाव होने हैं। बीजेपी पिछली बार की तरह इस बार भी चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहेगी। जिसमें मुख्यमंत्री की कार्यशैली के साथ उसकी जाति भी अहम होगी। इस समय मतगणना रुझान राम विचार नेताम के पक्ष में देखा जा रहा है।
सरोज पांडेय
छत्तीसगढ़ में सीएम के लिए सरोज पांडेय का नाम भी रेस में शामिल माना जा रहा है। सरोज पांडेय बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद हैं। सरोज छत्तीसगढ़ में बीजेपी का बड़ा चेहरा मानी जाती हैं। सरोज दो बार भिलाई की मेयर और विधायक भी रही है। वह बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।