रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए मतगणना अभी जारी है। देखा जाए तो शुरुआती रुझानों में कांग्रेस बहुमत के पार पहुंच गई लेकिन जल्द ही भाजपा ने वापसी करते हुए लगातार कांग्रेस पर बढ़त बनाई है। अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा के सिर पर जीत का सेहरा सजेगा। वहीं कांग्रेस को विपक्ष की कुर्सी से ही संतोष करना पड़ेगा साथ ही अगले चुनाव की तैयारी करनी होगी। अब ऐसे में ये भी सवाल उठता है कि आखिर वो कौन से कारण रहे जिसकी वजह से भाजपा को फायदा मिला और जीत हासिल हुई।
मोदी की गारंटी पर जनता का विश्वास
दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए इसका नाम ‘छत्तीसगढ़ के लिए मोदी की गारंटी 2023’ रखा था। इस घोषणा पत्र में रोजगार, महंगाई समेत कई मोर्चे पर खासे वादे किए गए थे। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा के घोषणा पत्र पर विश्वास जताया है। अब नजर डालते हैं उन कारणों पर बिंदूओं पर जिसका लाभ बीजेपी को मिला।
किसानों से किया बोनस का वादा
बता दें कि भाजपा ने चुनाव से पहले घोषणा की थी, अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी की जाएगी। 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी जाएगी। जिसके लिए किसानों को एक मुश्त भुगतान किया जाएगा। वहीं कांग्रेस सरकार 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान ले रही थी और 2800 रुपये का रेट दे रही थी। बीजेपी का यह वादा है कि किसानों को एक मुश्त में भुगतान किया जाएगा, इसका फायादा कहीं न कहीं बीजेपी को मिला है।
धार्मिक मुद्दों पर मिला लाभ
इस दौरान छत्तीसगढ़ में हिंदुत्व व आदिवासी क्षेत्रों में मतांतरण का बड़ा मुद्दा देखने को मिला। जिसमें भाजपा हिंदुत्व, मतांतरण, लव-जिहाद जैसे मुद्दों पर कांग्रेस सरकार को घेरती दिखाई दी। ऐसे में बीजेपी को जनता का साथ मिला।
महतारी योजना और बोनस
बीजेपी ने महतारी वंदन योजना से महिला मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश की। जिसमें भाजपा ने विवाहित महिलाओं को 12 हजार रुपए सलाना देने का वादा किया। इसके साथ ही भाजपा ने महिलाओं को 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा भी किया।
प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप
बीजेपी लगातार भूपेश सरकार पर कोयला परिवहन, शराब घोटाला, डीएमएफ, गोबर खरीदी और गोठान योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है। इस दौरान महादेव बेटिंग ऐप को लेकर भी कांग्रेस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस के खेमे में दिखा टकराव
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कथित गुटबाजी और अंतर्कलह दिखाई दी। सीएम भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव के बीच तकरार देखने को मिली। इसके साथ ही सीएम पद पर टीएस सिंह देव के नाम को लेकर भी खूब चर्चाएं होती दिखी। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के बीच भारी भी कंट्रोवर्सी की वजह से कांग्रेस को नुकसान भुगतना पड़ा।