रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में चुनावी सिलेंडर बांटने के लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस द्वारा 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने के वादों के बाद कंपनियों ने मतगणना के नतीजे आने से पहले ही ई-केवाईसी की प्रक्रिया शुरू कर दी। यही नहीं जिले में पौने चार लाख गैस कनेक्शनधारियों को एजेंसी पहुंच कर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी।
500 रुपये में मिलेंगे गैस-सिलेंडर
बता दें कि वर्तमान में रायगढ़ जिले में घरेलू गैस कनेक्शन 992 रुपये में उपलब्ध है। जिसमें केंद्र सरकार से डीबीटीएल के जरिए मात्र 68 रुपये की सब्सिडी मिल रही है। यानी की आम उपभोक्ता को एक सिलेंडर के लिए करीब 924 रुपये देने पड़ रहे हैं। फिलहाल अब यही गैस सिलेंडर 500 रुपये में मिलने वाले हैं।
सरकार किसी की भी बने, लाभ मिलना तय
दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही शीर्ष पार्टियों ने 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की है। ऐसे में प्रदेश में सरकार किसी की भी बने लेकिन आम आदमी को गैस सिलेंडर 500 रुपये में ही मिलेंगे ये तय है। इसके लिए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने अभी से ही इसके लिए अपने स्तर पर प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिले में संचालित इंडेन, एचपी और भारत गैस की एजेंसियों को ई-केवाईसी की प्रक्रिया शुरू कर हर गैस कनेक्शनधारी से 30 दिसंबर तक इसे पूरा करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही फर्जी कनेक्शन बंद करने और सब्सिडी लिकेज कम करने के लिए ई-केवाईसी को आवश्यक बताया गया है। बता दें कि सभी गैस एजेंसियों को आदेश जारी करने के बाद अब ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने उपभोक्ताओं को भी मेल द्वारा इसकी सूचना पहुंचाना शुरू कर दिया है।
ई-केवाईसी अनिवार्य
गौरतलब, बीते कुछ महीनों से सभी बैंकों ने अपने ग्राहकों के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य किया था। वहीं इसके न होने पर खाते में लेनदेन भी बंद कर दिया गया। फिलहाल गैस एजेंसी अब फिर से यही प्रक्रिया अपनाने जा रही है। पूर्व में आधार और बैंक सीडिंग की प्रक्रिया की गई थी, लेकिन अब फिर से ई-केवाईसी के नाम पर उपभोक्ताओं को गैस एजेंसी जाना होगा और अपना आधार, बैंक-पासबुक और गैस कार्ड के साथ बायोमेट्रिक डिवाइस में इसे सत्यापित करवाना पड़ेगा। बता दें कि रायगढ़ जिले में इंडेन की 17 ब्रांच हैं। यहां एचपी की 6 और भारत पेट्रोलियम की कुल 6 गैस एजेंसियां चलाई जाती हैं। इसमें सामान्य गैस कनेक्शन और उज्ज्वला योजना मिलाकर करीब पौने चार लाख उपभोक्ता शामिल हैं। इस दौरान सभी लोगों को ई-केवाईसी की प्रक्रिया करनी होगी।