Sunday, September 8, 2024

Chhattisgarh News: कांगेर वैली नेशनल पार्क के रेंजर और डिप्टी रेंजर पर लाखों के भ्रष्टाचार का आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने कोलेंग वन परिक्षेत्र के अधिकारी और सहायक अधिकारी के साथ ही बीटगार्ड्स पर प्रशासन के लाखों रुपये के घपलेबाजी करने का आरोप लगाया। बताया जा रहा है कि नेशनल पार्क के कोलेंग वन परिक्षेत्र के काचीररास, मुंडागढ़ और कोलेंग गांव के रहने वाले ग्रामीणों के बैंक खातों में नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बिना कोई कार्य किए ऑनलाइन भुगतान कराया। यही नहीं इसके बाद वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी खुद उन तक पहुंचे और उन्हें अपने गाड़ी में बैठाकर बैंक ले गए। जहां ग्रामीणों के खाते से पैसे निकलवाकर अधिकारियों ने खुद में बांट लिया।

ग्रामीणों ने की शिकायत

इस घटना का जिक्र करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि गांव के आसपास पौधारोपण का कार्य करने और लेनटेना उन्मूलन कार्य के तहत झाड़ियों की साफ-सफाई के लिए जारी शासकीय फंड का दुरुपयोग करते हुए वन परिक्षेत्र अधिकारी और सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी समेत इस क्षेत्र के बिटगार्डस ने लाखों रुपये की घपले बाजी की है। हालांकि, इस मामले की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के बड़े अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच कराकर ग्रामीणों को कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

लेनटेना उन्मूलन कार्य के बजट पर भ्रष्टाचार

दरअसल, कांगेर वैली नेशनल पार्क के कोलेंग वन परिक्षेत्र में लेनटेना उन्मूलन कार्य के तहत पिछले तीन सालों से कार्य किए जाने की बात कही जा रही है। वहीं इस कार्य की योजना के तहत पार्क के भीतर काचीररास , मुंडागढ़ और कोलेंग वन परिक्षेत्र में झाड़ियों की सफाई का कार्य करना होता है। ऐसा इसलिए ताकि इस नेशनल पार्क में प्राकृतिक सौंदर्य बना रहे और किसी भी जहरीले पौधे को खाकर यहां के जीव जंतु बीमार ना पड़ जाएं। इसी कारण वन का खास ख्याल रखने के लिए हर साल प्रशासन द्वारा लाखों रुपये लेनटेना उन्मूलन कार्य के लिए बजट जारी किया जाता है। कोलेंग क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि यह कार्य पिछले साल से नहीं हो रहा। यहां कुछ जगहों पर सिर्फ खाना पूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस कोलेंग क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी दिनेश रवानी, सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी राजपूत और बीटगार्डस ने ग्रामीणों को अपने भरोसे में लेते हुए करीब 50 से अधिक ग्रामीणों के खाते में बिना काम किए ही पैसे डलवा दिए थे।

ग्रामीणों ने की जांच की मांग

ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने इसकी अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी तो उन्हें कुछ भी नहीं बताया गया। ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 50 लोगों के खाते में 332 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान कराया गया था। यही नहीं किसी ग्रामीण के खाते में 30 दिन तो किसी के खाते में 23 दिन, 22 दिन, 15 दिन और 14 दिन अलग-अलग दिनों के हिसाब से भुगतान कराया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि जिन्होंने भी शासन के पैसों का बंदबांट किया है, उनकी जांचकर कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

वाइल्ड लाइफ के सीसीएफ ने दिया जांच का आश्वासन

वहीं दूसरी तरफ वाइल्ड लाइफ के सीसीएफ राजेश पांडे ने इस तरह के मामले को गंभीर बताते हुए जांच की बात कही। राजेश पांडे ने कहा कि बिना कार्य के ग्रामीणों को भुगतान करना और उसके बाद अधिकारियों के द्वारा उनके खाते से पैसे निकाल लेना गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।

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