रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान मंगलवार यानी 7 नवंबर को होगा। प्रदेश के 20 सीटों मोहला मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर,कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा और चित्रकोट की जनता उम्मीदवारों की किस्मत को EVM में कैद करेगी. वहीं सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक 10 सीटों पर मतदान होगा, जबकि सुबह 8 से शाम 5 बजे तक शेष 10 सीटों पर वोटिंग होगी. बता दें कि इस 20 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 223 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. इनमें पुरुषों की संख्या 198 और महिला प्रत्याशी की संख्या 25 शामिल हैं. इस कड़ी में 40 लाख 78 हजार 681 वोटर अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. पहले चरण की वोटिंग के लिए निर्वाचन आयोग ने 5304 मतदान बूथ बनाए हैं. सभी मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण और भयहीन मतदान के लिए पुख्ता इंतजाम किया गया है।
प्रदेश में कुल 2.3 करोड़ मतदाता
छतीसगढ़ में 7 नवंबर के बाद 17 नवंबर को वोटिंग होगी। चुनावी परिणाम 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल 3 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है. प्रदेश में सभी 90 सीटों में से 51 सामान्य वर्ग के लिए जबकि 10 सीटें SC और 29 सीटें ST वर्ग के लिए आरक्षित हैं. प्रदेश भर में कुल 2.3 करोड़ मतदाताओं की संख्या हैं. राज्य में राज्यसभा की 5 सीटें और लोकसभा की 11 सीटें हैं. प्रदेश में मतदान बूथों की संख्या 24 हजार 109 है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां 68 सीटें अपने नाम की थी। उस दौरान भजपा के खाते में 15, बीएसपी के खाते में 2, जेसीसीजे के खाते में 5 सीटें गई थी। 2018 के चुनाव में 7 सीटों पर 80 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई थी. वहीं 2013 के चुनाव में 43 सीटों पर 80 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई थी.
दिलचस्प हो सकता है इस साल का चुनाव
इस साल यह चुनाव बेहद रोचक होने वाला है। रोचक इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस बार इस बात पर सभी की नजर होगी कि जनता ‘नोटा’ का कितना उपयोग करती है. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल जमकर किया था. वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में 90 विधानसभा क्षेत्रों में 2 लाख 82 हजार 738 लोंगो ने नोटा का उपयोग किया था.