Friday, November 22, 2024

Health Tips: क्या आपके बच्चे ज्यादा चॉकलेट खाते हैं? तो हो जाएं सावधान

रायपुर। चॉकलेट और कैंडी को देखते ही बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं होता है क्योंकि बच्चों को चॉकलेट अधिक पसंद होता है। अक्सर बच्चे चॉकलेट से बनी चीजों को बड़े चाव के साथ खाते हैं लेकिन आपके बच्चे भी अगर ज्यादा चॉकलेट का सेवन कर रहे हैं तो आपको सावधान होने की आवश्यकता है। डॉक्टर बताते हैं कि चॉकलेट में लेड और कैडमियम जैसा डेंजरस केमिकल होता है। इसलिए अपने बच्चों को अधिक चॉकलेट खाने से परहेज करें। वहीं डॉक्टर यह भी बताते हैं की चॉकलेट में कैफीन और शर्करा पाया जाता है जो बच्चों को नुकसान पहुंचता है। इसके साथ ही हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि अधिक चॉकलेट खाने से हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, किडनी फेलियर, मोटापा जैसी तमाम समस्याएं पैदा हो सकती है। इन समस्याओं को देखते हुए अपने बच्चों को अधिक चॉकलेट देने से परहेज बरतना चाहिए।

कैंसर का भी खतरा

चॉकलेट में मौजूद लेड और कैडमियम जैसे केमिकल की मात्रा ज्यादा होने से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा ज्यादा चॉकलेट खाता है तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए। अगर आप इस विषय पर चिंतन नहीं करते हैं तो लंबे समय तक चॉकलेट अधिक नुकसानदायक साबित होगा। वहीं चॉकलेट में मौजूद कैडमियम का लंबे समय तक सेवन करने से शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और साथ ही यह फेफड़ों सहित लीवर को भी प्रभावित करेगा। यही नहीं इसके कारण कई कैंसर सहित कई जानलेवा बीमारियां भी हो सकती हैं।

कोलेस्ट्रोल बढ़ने का खतरा

तमाम डॉक्टर के मुताबिक बताया जाता है कि चॉकलेट में कैफीन और शुगर मौजूद होता है। ऐसे में यह ब्लड प्रेशर को अधिक बढ़ा सकता है। वहीं अधिक मात्रा में चॉकलेट का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो सकता है।

नींद पर प्रभाव

चॉकलेट में अधिक मात्रा में कैफीन मौजूद होता है। ऐसे में आप इसका सेवन करते हैं तो आपको नींद आने में दिक्कत होती है। खास कर बच्चों की बात करें तो बच्चे चॉकलेट के दीवाने होते हैं ऐसे में उनके लिए अधिक मात्रा में चॉकलेट का सेवन करना उनके मानसिक विकास को प्रभावित करता है। बता दें कि पर्याप्त नींद नहीं लेने के कारण बच्चे चिड़चिड़े और उदासीन दिखते हैं। इस कारण बच्चों की स्मरण शक्ति, सीखने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए डॉक्टर बताते हैं कि बच्चों को रात में चॉकलेट खाने से रोकना चाहिए। जिससे बच्चों के मानसिक विकास में सहायता मिल सके।

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