Friday, November 22, 2024

Chhattisgarh: रक्षा बंधन में घर आए जवान को नक्सलियों ने गला रेतकर की हत्या

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक पुलिस जवान रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए अपने घर आया था. इसी दौरान नक्सलियों ने जवान पर धारदार हथियार से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देने के बाद उसके शव को सड़क पर फेंक दिया।

छुट्टी मनाने घर आया था जवान

जानकारी के मुताबिक पुलिस जवान का नाम बुधराम अवलम है जो तोयनार पुलिस थाना में सहायक आरक्षक के पद पर पोस्टेड थे. बताया जा रहा है कि वह रक्षाबंधन के त्योहार पर छुट्टी मनाने के लिए अपने गृह गांव जांगला आए हुए थे. जवान के घर आने की भनक नक्सलियों को लगी। इसी बीच जवान अपने भतीजे को बाइक से डूवलीपारा छोड़ कर आ रहे थे. तभी नक्सलियों ने जवान बुधराम को अपहरण कर लिया। इसके बाद नक्सलियों ने अपने साथ जवान को जगंल में लेकर गए और धारदार हथियार से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी।

नक्सलियों ने पहले भी जारी किया था लेटर

जापुर के एडिशनल एसपी चंद्रकांत गवर्णा ने बताया कि नक्सलियों द्वारा सहायक आरक्षक की हत्या की जानकारी मिली। इसके बाद तुरंत गंगालूर थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले नक्सलियों ने जवान के नाम पर धमकी भरा लेटर जारी किया था. इसी कारण से जवान कई साल से तोयनार थाना में ही रहता था और किसी भी त्योहार पर अपने घर नहीं जाता था. लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर्व के मौके पर जवान छुट्टी लेकर अपने गांव जांगला गया हुआ था. इसी दौरान घर से बाइक लेकर अपने भतीजे को डुवलीपारा में छोड़ने गया था।

Japur's Additional SP Chandrakant Gavarna

घर जाने से डरते हैं पुलिस के जवान

पुलिस के मुताबिक भतीजे ने अपने चाचा बुधराम को वापस जाने से मना किया था. लेकिन वह उसकी बातों को इन्कार कर चले गए. कुछ दूर जाते ही बीच रास्ते में पहले से ही घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवान को पकड़ लिया। इसके बाद नक्सलियों ने अपने साथ जंगल के अंदर सुनसान जगह पर ले गए. कुछ घंटे बाद जवान की धारदार हथियार से गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया. घटना को अजांम देने के बाद शव को बीच सड़क पर फेंक दिया. गंगालूर थाना में अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है. एडिशनल एसपी चंद्रकांत ने बताया कि नक्सली हमेशा फिराक में रहते हैं कि जवान कहीं भी अकेला मिल जाए. उन्हें कहीं भी अकेला पाकर उन पर हमला करते हैं. इसी कारण से पुलिस विभाग में नौकरी करने स्थानीय युवा अपने घर नहीं जाते हैं. कुई जवान ऐसे भी है जो नक्सलियों के दहशत की वजह से कई सालों से घर नहीं गए हैं।

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