रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले है. इसे देखते हुए प्रदेश में लगातार सियासत जारी है. सभी राजनीति दल एक -दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाने में जुटे हुए हैं. बता दें कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बयान दिया था कि वो अपने राजनीति भविष्य के बारे में कुछ अलग फैसला लेंगे. लेकिन बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
कांग्रेस की नई रणनीति, सिंहदेव को सौंपी जिम्मेदारी
आगामी विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रीत करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय मुख्यालय दिल्ली में बुधवार को बैठक की. इसमें कांग्रेस के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, सीएम भूपेश बघेल समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव के तैयारी को लेकर विचार विमर्श किया गया. इसके बाद चुनाव में जीत प्राप्त करने के लिए खास चुनावी रणनीति तैयार की है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श करते हुए कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया है. जहां पार्टी ने सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपकर नया दांव जितने वाला है. इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम नियुक्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
सिंहदेव के लिए सबसे बड़ा अपमान- अरुण साव
टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम नियुक्त करने के बाद प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाए जाने पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि उपमुख्यमंत्री बनाने का अधिकार केवल मुख्यमंत्री और राज्यपाल का है. लेकिन यहां पर तो कांग्रेस पार्टी ने डिप्टी सीएम बनाया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी को उपमुख्यमंत्री बनाने का कोई अधिकार नहीं है. इसके आगे साव ने कहा कि ढ़ाई साल सीएम बनाने का वादा करके सिर्फ चार महीने का डिप्टी सीएम बनाए जाना, यह तो सिंहदेव के लिए सबसे बड़ा अपमान है. पार्टी अपनी अंतरकलह को मिटाने के उद्देश्य से यह कमान सौंपी है।