रायपुर : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय के पार्टी छोड़ने के निर्णय पर दुर्ग सांसद ने आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि पता नहीं उनको क्या हो गया है। किस सोच के साथ उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया, जबकि उनकी मानसिकता कहीं से भी कांग्रेस की रीति-नीति से नहीं मिलती है।
1 मई को शामिल हुए थे कांग्रेस में
आपको बता दें कि 1 मई को नंद कुमार साय छत्तीसगढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राजधानी रायपुर में कांग्रेस मुख्यालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी अध्यक्ष मोहन मरकाम की मौजूदगी में साय को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई गई थी। बघेल ने साय का पार्टी में स्वागत किया और कहा था कि इनका कांग्रेस प्रवेश यहां के आदिवासियों के हित के लिए है। इसके बाद से भाजपा के अलग-अलग नेताओं के इस मामले पर बयान आ रहे हैं। दुर्ग सांसद विजय बघेल ने साय के कांग्रेस में शामिल होने के निर्णय को पूरी तरह से गलत बताया है।
साय की मानसिकता कांग्रेस से नहीं मिलती
दुर्ग में पत्रकारों से चर्चा के न सांसद विजय बघेल ने कहा कि साय छत्तीसगढ़ के सम्मानीय नेता है। भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर में कई बड़ी जिम्मेदारी दी थी। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय उन्हें मुख्यमंत्री के समकक्ष नेता प्रतिपक्ष जैसी जिम्मेदारी दी गई थी। पता नहीं उनको क्या हो गया, किस सोच के साथ उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया, जबकि उनकी मानसिकता कहीं से भी कांग्रेस की रीति-नीति से नहीं मिलती है। सांसद ने कहा कि साय हमेशा से देश हित, राष्ट्र हित में और छत्तीसगढ़ का कैसे विकास हो इस पर लड़े।
साय के प्रति सद्भावना है
सांसद विजय बघेल बोले उन्होंने छत्तीसगढ़ में सट्टा खोरी न हो, शराब खोरी न हो इसको लेकर लड़ाई लड़ी, लेकिन जो सरकार सट्टाखोरी, शराबखोरी, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी में डूबी है, ऐसी पार्टी में शामिल होने के पीछे पता नहीं कौन सी सोच रही होगी कि साय उसमें शामिल हुए। आगे सांसद विजय बघेल ने कहा मैं उनसे निवेदन करता हूं कि इस उम्र में उन्होंने जो निर्णय लिया है उसमें विचार करें। मेरे दिल में उनके प्रति बहुत सद्भावना है लोग मुझसे सवाल कर रहे हैं, इसलिए मैं ये बात कह रहा हूं।