रायपुर। दुर्ग पुलिस ने ऑनलाईन ठगी के दो मामलों का भंडाफोड़ किया है. जिसमें एक ठग बिहार के नवादा जिला का है. जबकि दूसरा ठग झारखण्ड़ के जामताड़ा जिला के रहने वाला हैं. दोनों मामलों में आरोपियों ने मोबाईल फोन के सहायता लाखों रुपयों की ठगी की थी. करीब 50 लाख रुपयों की ठगी की थी. बताया जा रहा है कि बजाज फाइनेंस से लोन दिलाने के नाम लोगों से ऑनलाइन ठगी की जाती थी. इतना ही नहीं आरोपी अपने आप को अमेजन डिलिवरी कुरियर का अधिकारी बताकर लोगोंं को अपना शिकार बनाते थे. ऐसे ही कई लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया था।
5 वर्षों में 5 करोड़ रुपये
मिली जानकारी के अनुसार हरीश टंडन के बैंक अकाउंट से निकाली गई पैसा के बारे में पता चला तो वह इसकी जानकारी दुर्ग पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस ने खाते और मोबाइल नंबर के डिटेल खंगाली. जहां मालूम चला है कि अलग-अलग डेट में बैंक अकाउंट से लगभग 42 लाख रूपये की राशि निकाली गई है. काफी छानबीन करने के बाद जानकारी मिली कि ठगों की नगरी जामताड़ा झारखंड के अर्जुन मंडल और नकुल मंडल इस मामले में शामिल है. इसके बाद पुलिस ने दोनों ठगो को दबोच लिया. पकड़े गए दोनों आरोपी सगे भाई बताया जा रहा है. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आरोपी अनपढ़ होने के बावजूद पढ़े लिखे लोगों को आसानी से अपना शिकार बना लेते थे. आरोपी ठगी करने में शातिर थे. वहीं जामताड़ा जिला में 25 परिवार ऐसे है. जो ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. दोनों आरोपियों ने पिछले 5 वर्षों में 5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके है. बताया जा रहा है कि इस ठगी के पैसे से महंगे घर बनाए और गाड़ी भी खरीदी है।
एनीडेस्क ऐप को इंस्टॉल कराया
जानकारी के अनुसार दुर्ग पुलिस ने बताया कि दो अलग- अलग मामलों में प्रार्थी से 50 लाख रुपयों की बहुत सरल तरीके से ठगी की थी. पहला मामला पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र की है. जिसमे शिकायतकर्ता ने जानकारी दी थी कि 19 मार्च की रात जब वह अपने मोबाईल पर अमेजन डिलिवरी कुरियर में समस्या आई थी. इसके बाद शिकायतकर्ता ने गूगल से अमेजन के हेल्प नंबर निकालकर फोन किया। इसी दौरान फोन रिसीव करने वाला व्यक्ति अपने आप को अमेजन का प्रतिनिधि बताकर एनीडेस्क ऐप को इंस्टॉल कराया। इसके बाद उसने मोबाइल पर आए हुए ओटीपी नंबर पूछा था।