Friday, November 22, 2024

छत्तीसगढ़ः महिला बाल विकास विभाग ने नाबालिग की रोकी शादी, कहा – कानूनी अपराध है

रायपुर। देश के कई क्षेत्रों में अभी भी शिक्षा नहीं पहुंच पाई है. बता दें कि अभी भी कई गांव के लोग शिक्षा से वंचित है. देश में शिक्षा से वंचित रहने के कारण बाल विवाह थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी तरह का एक मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला से सामने आया है. जहां नाबालिग दूल्हा को घोडी चढ़ने से पहले ही महिला बाल विकास विभाग ने रोक लगा दिया है।

नाबालिग का शादी करना कानून अपराध

मिली जानकारी के अनुसार मां-बाप की अशिक्षा होने के वजह से कई नाबालिगों को शादी करा दिया जाता है. प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में कई संस्था और प्रशासन के माध्यम से बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. फिर भी प्रत्येक वर्ष बाल विवाह से जुड़े मामले मिल ही जाते है. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला के करतल से सामने आया है. जहां डोंगाअमा गांव में एक सौलह साल के युवक की शादी के लिए बारात निकलने वाली थी. तभी बाल एवं महिला विकास विभाग की टीम नाबालिग के घर पहुंच गई. इसके बाद टीम ने नाबालिग के माता-पिता को बाल-विवाह करने के मामले के बारे में बताया कि कम उम्र में बच्चों को शादी करना कानूनी अपराध है।

लड़की की उम्र-18 साल होना अनिवार्य

करतला की परियोजना अधिकारी रागिनी बैस ने कहा कि इस तरह का मामला कुछ दिन पहले सामने आया था. जहां नाबालिग की उम्र 19 साल थी. जिसका विवाह रायगढ़ की एक युवती उम्र-18 साल के साथ होनी थी. अगर उम्र की लिहाज से बात की जाए तो लड़की बालिग थी लेकिन लड़का नाबालिग था. वहीं योजना अधिकारी ने बताया कि लड़का की उम्र करीब 21 साल होना अनिवार्य है. हालांकि लड़की की उम्र-18 साल होना अनिवार्य है।

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