Thursday, November 21, 2024

छत्तीसगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चावल के स्टॉक के मामले में 6 सौ करोड़ का लगाया आरोप

रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही अभी भी जारी है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चावल के स्टॉक में 6 सौ करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इस मुद्दा पर पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस हो रही है. वहीं दस मिनट के अंदर दो बार सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी थी. बता दें, इससे पहले कांग्रेस नेता अमितेश शुक्ल ने अपनी ही सरकार को घेरा था. उन्होंने गरियाबंद और देवभोग जिलें में चना आपूर्ती करने में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. वो इंग्लिश में बात कर रहे थे. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, अंग्रेजी में बात न करें.वहीं सदन में अंग्रेजी में बात करने को लेकर माजाक का माहौल बन गया. इस दौरान स्पीकर रणदास महंत के तीखे तेवर देखने को मिले. वहीं महंत ने कहा कि यहां बहुत से लोग इंग्लिश भाषा नहीं जानते है और ना ही समझते है. ये सिर्फ आपकी बात नहीं है।

‘नियम का पालन होता तो हंगामा नही होता’

वहीं रमन सिंह बोले- चावल स्टॉक में गड़बड़ी हुई है. पूर्व सरकार के बने नियम का का पालन होता तो इतना हंगामा नहीं होता. इसके बाद सदन में बीजेपी- कांग्रेस के नेताओं के बीच काफी हंगामा हुआ. वहीं हंगामा के चलते सदन कार्यवाही को 10 मिनट के भीतर दो बार रोकनी पड़ी।

अमरजीत भगत बोले- भारत सरकार सेल्फ डिक्लिएरेशन (स्वंय प्रमाणित पत्र) को नहीं मानती है. प्रदेश में दुकानों का कंप्यूटरीकरण कर दिया गया है. प्रदेश के तेरह हजार से अधिक दुकानों में डिजिटल निगरानी है. आज 96 प्रतिशत लोगों का बायोमेट्रिक प्रमाण के साथ बांटा जा रहा है. बचत स्टॉक का प्रमाणित भी किया गया है. सभी जिलों में 41 हजार टन की कमी बताई गई है. वितरण डाटा न होने के अन्य वजहों का परीक्षण कराया जा रहा है. 13 मामलों में एफआईआर कराई गई है. 19 मामलों में चावल की भी वसूली करके दुकानों को निलंबित किया गया है।

‘मैं जितने देर तक चाहूंगा चर्चा कराऊंगा’

पिछलें बुधवार को रोजगार के आंकड़ों और सर्वे की संस्था की मान्यता को लेकर सदन में जमकर बवाल हुआ था. इस दौरान अजय चंद्राकर ने सवाल किए, जब संस्था को मान्यता नहीं है तो उस संस्था के आंकड़ों पर विज्ञापन क्यों दिया गया? इसके बाद अजय ने सीएमआईआई को दो करोड़ का विज्ञापन देने का आरोप लगाया। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने इस रोजगार के मसले को गंभीर बात बताया है. इसके बाद कहा, जो सवाल मुझे गंभीर लगेगा उस पर मैं जितने देर तक चाहूंगा चर्चा कराऊंगा।

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